September 8, 2024
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Lieutenant Inayat Vats: देश की बेटी बढ़ाया मान, शहीद पिता की वर्दी पहन बनी लेफ्टिनेंट

  • WRITTEN BY: Nidhi Kushwaha
  • LAST UPDATED : March 10, 2024, 8:37 pm IST

नई दिल्ली। अगर मन में सच्ची लगन हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। आज हम आपको एक ऐसी शख्सित के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पिता और परिवार के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं लेफ्टिनेंट इनायत वत्स की जिन्होंने उग्रवाद विरोधी अभियान में अपने पिता मेजर नवनीत वत्स को खो दिया। वो भारतीय सेना में शामिल हो गईं हैं और उन्होंने वही वर्दी पहनी, जो कभी उनके नायक पिता ने पहनी थी।

पिता की विरासत को जारी रखने के लिए बनी कर्नल

बता दें कि इनायत वत्स के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। हरियाणा के पंचकुला की इनायत ने करीब तीन साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। 23 वर्षीय इनायत ने अपने पिता की विरासत को जारी रखने के लिए भारतीय सेना की सबसे कठिन नौकरी पाने का सपना देखा और उसे पूरा किया। इनायत वत्स के पिता मेजर नवनीत वत्स 2003 में कश्मीर आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए थे। उन्हें मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित भी किया गया था। जब इनायत ने होश संभाला, तो उन्होंने पिता की तरह ही तरह सेना में शामिल होने का निर्णय लिया। इनायत भारतीय सेना में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। इनायत के पिता भी भारतीय सेना में कर्नल थे।

अगले महीने ट्रेनिंग में होंगी शामिल

अगले महीने अप्रैल में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA), चेन्नई में इनायत शामिल होंगी। इस समय दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट इनायत डीयू के हिंदू कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं। इनायत को शहीदों के परिजनों के लिए राज्य की नीति के तहत एक राजपत्रित पद पर नियुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की ओर से प्रस्ताव मिला था।

मां ने किया समर्थन

अपने पिता को अपना आदर्श मानने वाली इनायत के लिए सेना ही एकमात्र लक्ष्य रहा। उनकी मां शिवानी ने अपनी चिंताओं के बावजूद इनायत का पूरा समर्थन किया। वह चंडीमंदिर में आर्मी पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने कहा कि इनायत एक बहादुर की बेटी है। जब उसने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की, तो सभी ने सोचा कि वह राज्य सरकार द्वारा दी गई नौकरी लेगी और मेरे आसपास रहेगी, लेकिन वह एक शहीद की बेटी है और उसके लिए सेना में शामिल होना स्वाभाविक था।

इनायत की मां ने ये भी बताया कि इनायत ने एक बार मुझसे पूछा था, अगर मैं लड़का होती तो तुम क्या करती? मैंने उससे कहा कि मैं उसे एनडीए (NDA) या आईएमए (IMA) में शामिल होने के लिए कहती। मुझे खुशी है कि आरामदायक जीवन के विकल्प होने के बावजूद, उसने अपने पिता का अनुसरण करना चुना।

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