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अमेरिका में Microsoft की नौकरी छोड़ देश में शुरू किया स्टार्टप, 37 लाख किसानों की कर चुके हैं मदद

नई दिल्ली। देश के तमाम युवा ये सपना देखते हैं कि वो पढ़-लिख कर नौकरी के विदेश जाएंगे। ज्यादातर लोग चाहते हैं कि वो विदेश में नौकरी करें और वहीं सेटल हो जाएं। लेकिन आज हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उन्होंने अमेरिका की एक अच्छी-खासी जॉब छोड़ दी और भारत में आकर जीरो से शुरूआत की। आज वो लाखों किसानों की जिंदगी बदल चुके हैं। आइए जानते हैं Harvesting Farming Network के संस्थापक रुचित गर्ग के बारे में।

Microsoft की नौकरी छोड़ लौटे वतन

दरअसल, चंडीगढ़ के रहने वाले रुचित ने अमेरिका में 11 साल तक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में काम किया है। कार्य के दौरान उनका सालाना पैकेज एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। लेकिन इस स्तर पर पहुंचने के बाद भी रुचित अपने लोअर मिडिल क्लास रूट्स को नहीं भूले। उन्होंने वापस भारत लौटकर देश के लिए कुछ करने का सोचा। उन्होंने भारत लौटकर Seed-to-Market स्टार्टअप – Harvesting Farming Network (HFN) की शुरुआत की। जिसके बाद साल 2016 में रुचित अपनी कंपनी के माध्यम से देशभर के किसानों से जुड़े। इस दौरान उन्होंने कश्मीर से लेकर दक्षिणी राज्यों तक, किसानों को किसानों से और ग्राहकों से जोड़ा। यही नहीं उन्होंने किसानों को Whatsapp के जरिए ग्राहकों से सीधा जुड़ने में सहायता की।

आधुनिक तकनीक से आसान हुई राह

रुचित गर्ग कहते हैं कि वो किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे थे और उनकी पहल को कामयाबी मिली। इस पहल को शुरू करने के 12 महीनों के अंदर, व्हाट्सएप की मदद से 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फसलें लिस्ट की गई। इसके बाद उन्होंने आधुनिक तकनीकी की मदद से किसानों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जहां फसलें उगाने वालों का एक नेटवर्क बन सके। इससे किसानों को कैमकल-फ्री फसलें उगाना, अधिक पैदवार लेना आदि की सीख मिल सकती थी। बता दें कि HFN किसानों की फसलों को सही दाम पर बाजार में उपलब्ध कराने में सहायता करता है और सीधा ग्राहकों से जुड़ता है, इससे वो बिचौलिया किसानों से बच सकते हैं।

लाखों किसानों को मिली मदद

जानकारी के अनुसार, रुचित को एक एग्रीकल्चर-फोक्स्ड एप, HFN Kisan App को तैयार करने में दो साल लगे। लेकिन आज यहां करोड़ों की फसलें पहले से ही खरीद के लिए लिस्टेड हैं। इसके जरिए किसानों की सभी परेशानियों को जैसे बीज, उर्वरक, खाद, वैज्ञानिक सलाह, लोन और कीमतें आदि को एक ही मंच पर हल करने की कोशिश की जाती है। ये एप छह भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, पंजाबी, बंगाली और कन्नड़ में काम करता है। HFN Kisan मोबाइल एप मछली पालन, मुर्गीपालन, पशुधन और बागवानी फसलों से जुड़े किसानों का भी समर्थन करता है।

Nidhi Kushwaha

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