नई दिल्ली: आज 2 जून है और ‘दो जून की रोटी’ की भी खूब चर्चा हो रही है। वैसे यह मुहावरा है जिसका मतलब है कि नसीब से दिनभर में दो वक़्त की रोटी मिल पाना। लेकिन यह ठहरी बस एक कहावत। आजकल का ज़माना तेज़ी से बदल रहा है। अब लोग सिर्फ 2 वक़्त […]
नई दिल्ली: आज 2 जून है और ‘दो जून की रोटी’ की भी खूब चर्चा हो रही है। वैसे यह मुहावरा है जिसका मतलब है कि नसीब से दिनभर में दो वक़्त की रोटी मिल पाना। लेकिन यह ठहरी बस एक कहावत। आजकल का ज़माना तेज़ी से बदल रहा है। अब लोग सिर्फ 2 वक़्त ही नहीं बल्कि उससे आगे की भी सोचते हैं। ऐसे में आज तारीख भी 2 जून है और अगर आप भी आज 2 जून को ये 5 कदम उठाएंगे तो आपकी जिंदगी ऐशो-आराम में गुजरेगी।
दरअसल, हर कोई चाहता है कि उसका आने वाला कल बेहतर हो। इस नए जमाने में सब कुछ तेज़ी से बढ़ रहा है। लेकिन इसी बीच आप खुद सोचिए कि जिस तरह से आप आज अपनी ज़िंदगी जी रहे है…. क्या अगले 20 सालों के बाद भी ऐसा ही रहेगा। बिल्कुल नहीं, क्योंकि हर चीज की एक उम्र होती है। जब आप पैसा कमा रहे हों तो खर्च भी धड़ल्ले से करते हैं। चाहे वह खर्चा जरूरी हो या नहीं।
लेकिन सोचिए जब आपकी कोई आमदनी ही नहीं होगी तो आप अपनी जरूरत की चीजें कैसे खरीदेंगे। ऐसे में तो बचत ही इकलौता रास्ता है। इसका मतलब है आज की बचत कल का मज़ा! ऐसे में आइए आज हम बचत करने के उन 5 सबसे आसान तरीकों के बारे में बताते हैं जिनसे आपका आने वाला कल सुनहरा हो सकता है। “2 जून की रोटी” के लिए ये तरीके आपकी काफी मदद करेंगे।
कई लोग सोचते हैं कि कम कमाई होने पर कैसे पैसे बचाएं? इसका सीधा सा जवाब है ‘खर्च’ और ‘फिजूल खर्च’ के बीच के फर्क को जानें। हर इंसान को यह मानकर चलना चाहिए कि वह थोड़ी बहुत फिजूलखर्ची जरूर करता है। अंदाज़े से देखा जाए तो ज़्यादातर लोग अपनी कमाई का कम से कम 10 फीसदी हिस्सा फिजूलखर्च में उड़ा देते हैं। यह कम से कम का अनुमान है। कई बार तो लोग इससे ज़्यादा के भी फालतू खर्चे करते है। ऐसे में आप अपने गैर-जरूरी खर्चे को कम करके पैसों की बचत कर सकते हैं जिससे कि वो आपके आने वाले समय में काम आ सके।
बड़े शहरों में बाहर खाना और “महंगा” खाने का कल्चर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तो लोग घर रहने के बाद भी ऑनलाइन खाना मंगवा लिया करते हैं। हालांकि, कभी-कभी खाना बहार से खाना मजबूरी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर लोग मेहनत छोड़कर और अपने स्वाद के लिए बाहर का खाना खाना पसंद करते हैं। लेकिन आपको बता दें, जितना पैसा बाहर खाने पर खर्च होगा, घर में खाना बनाने में चौथाई खर्च आएगा।
अक्सर लोग घूमने-फिरने में काफी ज़्यादा पैसा खर्च कर देते हैं। कोई पहाड़ों पर जाता है तो किसी को बीचेज़ पर घूमना फिरना काफी पसंद होता है। कुछ लोग तो हर महीने हम मौज-मस्ती करने के लिए बाहर जाते हैं। तो उन लोगों की सबसे बड़ी शिकायत होती है कि वे पैसे नहीं बचाते। अपने लिए सोचें कि आप हर महीने इस पर कितना खर्च करते हैं। आप इन पैसों को बचाने की कोशिश करें।
अक्सर लोग ऐसी चीजें खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती और फिर पछताते हैं। ज्यादातर लोग महंगे गैजेट्स खरीदते हैं और फिर उनका इस्तेमाल नहीं करते हैं। ज्यादातर लोग उन खर्चों को ऑफर और क्रेडिट कार्ड की जेब में होने की वजह से खर्च करते हैं। इस तरह के खर्चे पर लगाम लगाना सबसे जरूरी है। इस खर्च को आप फिजूलखर्ची मान कर इससे बच सकते हैं।
जब आप बाजार जाते हैं तो आपको दो कपड़े खरीदने पड़ते हैं और आप चार खरीदते हैं। इसलिए हर बार जब आप शॉपिंग करने जाएं तो एक लिस्ट बनाएं और घर से निकलें। ऑफर और डिस्काउंट के चक्कर में तो भूलकर भी न पड़े। इसके अलावा आप महंगी चीज़ें और ब्रांड के पीछे भागने की आदत को बदलें। लोग ब्रांडिंग पर काफी पैसा खर्च करते हैं। वे इसे अपने स्टेटस से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह सबसे बड़ी बर्बादी है।