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सूरत में नहीं बल्कि भारत के इस शहर में होती है हीरे की खेती

नई दिल्ली : भारत देश के अलग-अलग शहर अपनी खासियत के लिए पुरे देश में जाना जाता हैं। बनारस शहर अपनी बनारसी साड़ी के लिए जाना जाता है तो वहीं गुजरात का सूरत शहर हीरा उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। सूरत शहर के लिए यह भी कहा जाता है कि विश्व के 10 में […]

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सूरत में नहीं बल्कि भारत के इस शहर में होती है हीरे की खेती
  • October 1, 2024 7:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : भारत देश के अलग-अलग शहर अपनी खासियत के लिए पुरे देश में जाना जाता हैं। बनारस शहर अपनी बनारसी साड़ी के लिए जाना जाता है तो वहीं गुजरात का सूरत शहर हीरा उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। सूरत शहर के लिए यह भी कहा जाता है कि विश्व के 10 में से 9 डायमंड की पॉलिशिंग और मेकिंग सूरत में ही की जाती है। सूरत को डायमंड सिटी कहा जाता है, लेकिन सही मायने में डायमंड सिटी ऑफ़ इंडिया मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित हैं।

वैसे तो हम सभी जानते हैं कि हीरे की सबसे बड़ी फैक्ट्रियां गुजरात, मुंबई, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कोलकाता में हैं, लेकिन भारत की डायमंड सिटी इन राज्यों में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित है। इस शहर को हीरो की नगरी भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हर साल देश में मिलने वाले कुल हीरों में से आधे से ज्यादा हीरे यहीं से निकलते हैं। यहां हर दिन किसी न किसी की किस्मत चमकती रहती है।

दुरुपयोग करने वालों को दुबारा नहीं मिलता हीरा

पन्ना जिले के लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति हीरों से कमाए पैसों का दुरुपयोग करेगा उन्हें दुबारा हीरा कभी नहीं मिलता। यहीं धारणा को मानने वाले प्रकाश मजूमदार की जिंदगी में आज जमीन-आसाम का फर्क है। प्रकाश मजूमदार मनौर गांव के सरपंच है। उनका कहना है कि पहले वो पत्थर के खदान में मजदूर का काम किया करते है।

प्रकाश मजूमदार मनौर गांव के सरपंच

प्रकाश मजूमदार मनौर गांव के सरपंच

फिर उन्होंने हिरा का खाना लगाया जहां उन्हें खुदाई के दौरान उन्हें सात कैरेट 45 सेंट का हीरा मिला। इस हीरे को करीब 28 लाख में बेच दिया था। पिछले साल फिर दो हीरा मिला उससे प्राप्त धन से बच्चों को पढ़ाया और घर बनाया। धीरे-धीरे पैसे आने शुरू हुए तो गांव वालों के आग्रह से सरपंच के चुनाव में खड़ा हुआ था। गांव वालो के समर्थन से आज मजदूर से सरपंच बन गया हूं। हीरे की खदान से अब तक मुझे 15 हीरे प्राप्त हुए है।

हीरे से बढ़ेगी गांव में शान

वर्षो से पन्ना के लोग हीरे के खोज में है। अब यह खोज पैसा कमाने और जिंदगी बनाने का अहम हिस्सा बन चुका हैं। यह के स्थानीय युवाओं का कहना है कि हीरा मिलने से गांव-गांव में हमारे नाम का बोलबाला होता है, इसलिए हम अच्छा हीरा ढूंढ रहे हैं। वहीं एक स्थानीय बुजुर्ग का कहा है कि मैने हीरे को चुना, शादी कर लेता तो हीरा नहीं खोज पता।

करोड़ों के हीरे मिलते हैं

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यहां की हीरा खदानों से 5.73% हीरे मिलते हैं, जो कि आंध्र प्रदेश का आंकड़ा है। इसके बाद तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ आता है, जहां 4.10% हीरे मिलते हैं। पन्ना शहर में सबसे ज्यादा हीरे मिलने की वजह से इसे भारत की डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है। यहां हर साल करोड़ों रुपये के बेशकीमती हीरे मिलते हैं। हालांकि इतने हीरे होने के बावजूद मध्य प्रदेश में एक भी हीरा फैक्ट्री नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों में है जहां हीरों को अलग-अलग तरह के आकार दिए जाते हैं।

 

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