महज 5 हजार एक सौ रुपये देकर 12 आसान किस्तों में अपना प्लॉट बुक करवाए. प्रॉपर्टी के इस हनी ट्रेप में भला कौन है जो नहीं फंसेगा. ग्राहक इन विज्ञापनों को देख रहे हैं और खींचे चले जा रहे हैं.
लाखों लोग इस देश में अपनी जिंदगी भर की कमाई को दांव पर लगाकर घर खरीदते हैं. यहां तक कि किराए के घर में रहते हुए एक मोटा अमाउंट बिल्डर को देते हैं. बैंक से लोन लेकर ईएमआई बंधवाते हैं इस उम्मीद में कि बिल्डर जल्दी से जल्दी पजेशन देकर किराए के घर से मुक्ति दिलाएगा होता यह है कि हालात वहीं के वहीं होते हैं.
कहते है जो होता है अच्छे के लिए होता है, कभी कभी आप कुछ बातों को लेकर खूब परेशान रहते है लेकिन ऐसा कुछ हो जाता है परेशानी खुद ब खुद सुलझने की दिशा में बढ़ जाती है. धोखाधड़ी के मामले में यूनिटेक के प्रमोटर्स की गिरफ्तारी ने उन लाखों लोगों की परेशानी को हल कर दिया है, जो अभी तक अपने बुक कराए घर के पॉजेशन को लेकर परेशान थे.
परिवार के सदस्यों को अगर घर की वजह से किसी समस्या का सामना करना पड़ता है तो यह अपने आप में एक बड़ी चिंता का विषय है. आजकल घर में छिपे एक सनसनीखेज रहस्य को देखा जा रहा है.
घर एक ऐसी जगह होती है जिसे खरीदने से लेकर उसे मेन्टेन रखना कहीं न कहीं हर किसी का सपना होता है. आज के जमाने में मंहगाई के कारण घर लेना जहां बहुत मुश्किल होता है वहीं उसे मेन्टेन रखना भी बहुत मुश्किल है.
2015 जा रहा है और 2016 आ रहा है. देश और दुनिया 2016 के वेलकम की तैयारी में जुट गई है. तैयारी हमने भी की है, लेकिन हमारी तैयारी आपके सपनों के लिए है.
नई दिल्ली. बिल्डर्स की मनमानी से परेशान ग्राहकों के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर का इंतजार खत्म हो चुका है. कैबिनेट से रियल एस्टेट बिल को मंज़ूरी मिल गई है. इस बिल के संसद में पास होते ही बिल्डरों से परेशान ग्राहकों की तमाम तरह की मुश्किलें हल हो जाएगी. सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा […]
जब घर खरीदने का ख्याल आता है तो उसके लिए अच्छी समझ और जानकारी की जरुरत होती है क्योंकि घर एक ऐसी जगह होती है जहां हर व्यक्ति के सपनों को जगह मिलती है. घर खरीदने को लेकर अक्सर लोग बिल्डर, कंपनियों का सहारा लेते है जिन के ऊपर विश्वास करना ग्राहकों के लिए मुश्किल होता है.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यूनिटेक के 100 एकड़ के प्लॉट को रद्द किया. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का बकाया नहीं जमा करने की वजह से एमयू 1 सेक्टर में प्रोजेक्ट को रद्द किया गया. इस ज़मीन पर यूनिटेक ने 352 प्लॉट्स बेचकर 100 करोड़ रुपए जमा किए.
किसी भी घर या जमीन के मालिकाना हक के लिए रजिस्ट्री का होना जरुरी होता है. रजिस्ट्री वह कानूनी कागज है जो ये बताता है कि आपने जो जमीन, प्लाट या घऱ खरीदा है वह कानूनी तौर पर वैध है. लेकिन नोएडा सेक्टर 150 में आईएफआई प्राईवेट लिमिटेड ने ग्राहकों को जमीन बेच डाली और सैकड़ो ऐसे लोग हैं जिनके पास प्लाट की रजिस्ट्री के पेपर है लेकिन उन लोगों का जमीन पर कोई हक नहीं है.