अपने पैरों पर खड़े होने के बाद हर इंसान का पहला सपना होता है एक मकान खरीदना, लेकिन इस सपने को पूरा करने की लोगों में इतनी हड़बड़ी होती है कि वो फ्लैट के बेसिक कॉस्टिंग के अलावा हिडेन कॉस्ट पर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसे में डील फाइनल होने के बाद पता चलता है कि उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जाहिर है इस वजह से आपके हाथ गलत चीज तो लगती ही है साथ ही आपको अच्छी खासी रकम का चूना भी लग जाता है.
आए दिन प्रॉपर्टी बाज़ार में धोखेबाज़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े की शिकायतें सुनने को मिलती रहती है. कहीं थोड़ी कम कहीं ज्यादा, लेकिन आज हम आपको जिस बिल्डर की जालसाजी दिखाने जा रहे है उसने सारी सीमाएं लांघ दी हैं. फर्जीवाड़े का आलम ये है कि उसने एक ऐसी जमीन पर लोगों को घर बेच दिए जो जमीन उसकी थी ही नहीं. एनसीआर के इस नामी बिल्डर का नाम है 'औरीस इंफ्रास्ट्रक्चर'.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सिर पर छत होना किसी भी शख्स के लिए मुराद से कम नहीं है. दिन रात मेहनत करके लोग इस शहर में पहले दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते है और उसी हाड़ तोड़ मेहनत से दो पैसे बचाकर अपने रहने के लिए घर का इंतजाम करते है.
देश में स्मार्ट शहरों को बसाने की कवायद तेज़ हो गई है. बड़े शहरों पर आबादी का बोझ कम करने के लिए पुराने और नए शहरों को स्मार्ट सिटी में तब्दील किया जाएगा. स्मार्ट सिटी में निवेश कैसा रहेगा अब इस पर भी नज़र डाल देते हैं. देश के 13 नए शहरों को फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का ऐलान कर दिया गया है.
बिल्डर अपने विज्ञापनों में बड़ी बड़ी हस्तियों को आकर्षित करते हैं. देखा गया है कि बड़ी-बड़ी होर्डिंग पर शाहरुख, सलमान, प्रियंका, धोनी, सचिन और सानिया को देखकर बिल्डरों के जाल में फंस जाते हैं.
नई दिल्ली. बिल्डर्स की मनमानी इस कदर बढ़ती जा रही है कि अब ग्राहकों को ये डर सताने लगा है कि घर का सपना सच होने दे या फिर सपने को सपना ही रहने दें. क्योंकि इन दिनों बिल्डर्स झूठे दावे और वादे करके ग्राहकों के साथ खुलेआम धोखाधड़ी कर रहे हैं. गुड़गांव में बीपीटीपी […]
29 तारीख को देश के वित्तमंत्री ने बजट पेश किया..कुछ घोषणाए निराशा लेकर आई. कुछ ने गुस्सा दिलाया. कुछ बहस का मुद्दा बनी औऱ कुछ ने मुस्कुराने का मौका दिया. जो लोग घर का सपना देख रहे थे. उन्हे भी खुश होना चाहिए. खासकर उन लोगों को ज्यादा खुश होना चाहिए जिनके पास अभी तक अपना घर नहीं था और जो किराए के मकान में रह रहे थे.
खेती के बाद देश में सबसे ज्यादा लोगों को रियल एस्टेट सेक्टर से ही रोजगार मिलता है. साथ ही देश के जीडीपी का 5 फीसदी हिस्सा भी रियल एस्टेट से आता है. इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार बजट में वित्त मंत्री रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री स्टेटस जरुर देंगे.
बिल्डर्स की मनमानी इस कदर बढ़ती जा रही है कि अब ग्राहकों को वास्तव में डर लगने लगा है कि घर का सपना पूरा करें या फिर घर के सपने को सपना ही रहने दें. बिल्डर्स झूठे वादे और दावे करके ग्राहकों के साथ खुलेआम धोखाधड़ी कर रहे हैं.
सैकड़ो फ्लैट बन रहे हैं और बिल्डिंग पर बिल्डिंग खड़ी हो रही हैं लेकिन इन इमारतों के इर्द गिर्द कही कोई हरियाली नहीं है. अभी आबादी नहीं है. सवाल यह उठ रहा है कि जिस दिन यहां लोग रहने लगेगे तो फिर इन क्रकीट के जंगलो में सांसे कैसे लेगें ?