परेशानी बन कर उभर रहे निजी बिल्डरों ने जिस तरह मनमानी मचा रखी है उससे आम जनता बेहद परेशान है. इस समय हर तरफ यही देखने को मिल रहा है. जेपी, आम्रपाली, यूनिटेक जैसे नामी बिल्डर ग्राहकों पर अब तक भरोसा नहीं कायम कर पाए.
देशभर में RERA यानी कि रियल एस्टेट रेग्युलेटरी कानून लागू हो गया है. कहा जा रहा है कि सरकार ने इस कानून को खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए वजूद में लाया है. क्या वाकई ऐसा है, क्या इस रेरा से बिल्डरों की मनमानी का अब तक शिकार हो रहे ग्राहकों को राहत मिलेगी या फिर ये कानून भी बड़े-बड़े बिल्डरों के हाथों का खिलौना बन जाएगा.
बढ़ती महंगाई के इस दौर में अपनी आमदनी से पैसे बचा कर घर लेना कितना मुश्किल है ये हर कोई जानता है. उसमें भी घर की कीमतें इतनी उंचाई पर है कि बगैर होम लोन के घर लेना एक मध्यमवर्गीय नौकरी पेशा व्यक्ति के नामुमकिन सा है.
सोमवार 1 मई ये तारीख आप एक दम याद रख लें क्योंकि ये तारीख भविष्य में रियल एस्टेट बाजार में बड़े बदलाव के लिए जानी जाएगी. जी हां एक मई को पुरे देश में रियल एस्टेट बिल लागू हो जाएगा. 1 मई से इस बिल को नोटिफाई कर दिया जाएगा.
घर के लिए कर्ज लेने की प्रक्रिया को बनाना होगा आसान इसके लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस मैकेनिज्म के लिए स्पेशल फंड दिए जाएंगे. पजेशन को लेकर ग्राहकों में असंतोष की भावना उत्पन्न EMI और किराया साथ-साथ भर रहे है ग्राहक.पहले किसानों के साथ लंबी अदालती लड़ाई और अब सुपरटेक के टि्वन टावर विवाद के बाद नोएडा की रियल्टी इंडस्ट्री डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य 1 करोड़ परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाने का है. साल 2019 तक कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए पी.एम.आवास योजना के तहत धनराशि को 15000 से 23000 करोड़ किया गया. मार्च 2018 तक सभी गांवों में बिजली. वित्त मंत्री ने बताया कि गांवों में 133 किलोमीटर सड़कें रोज बन रही हैं.
साल 2016, प्रॉपर्टी के लिहाज से, तमाम दूसरी घटनाओं के लिहाज से बड़ा ही उथल-पुथल वाला साल रहा है. साल 2016 के आखिर में देश में कई बड़ी घटनाएं घटी है जिससे प्रॉपर्टी पर ज्यादा असर हो रहा है.
महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटर के लिए जारी किए गए नियमों को कमजोर कहा जा रहा है. खास तौर पारदर्शिता के मामले में ये नियम बिल्डरों को बड़ी छूट देते हुए दिख रहे हैं.
कैश पर लगाम लगने से आपकी प्रॉपर्टी के दाम में करीब 30 फीसदी का फटका लग चुका है. हालांकि जानकार बता रहे हैं प्रॉपर्टी के रेट में इससे अधिक गिरावट की संभावना नहीं है, इसलिए घर खरीदने वालों के बिल्डरों का कहना है कि पिछले आठ-दस दिन में तो ग्राहक आए ही नहीं रहे हैं.
नोटबंदी से ब्लैकमनी पर कैसे लगेगी लगाम? काले धन की अर्थव्यवस्था पर चोट करने के लिए मोदी सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपये नोटों को अमान्य ठहराए जाने के बाद रीयल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. इस फैसले के चलते मोटी पूंजी के कारोबार रीयल एस्टेट सेक्टर में तात्कालिक तौर पर मंदी का माहौल देखने को मिल सकता है.