नई दिल्ली: घर के लिए कर्ज लेने की प्रक्रिया को बनाना होगा आसान इसके लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस मैकेनिज्म के लिए स्पेशल फंड दिए जाएंगे. पजेशन को लेकर ग्राहकों में असंतोष की भावना उत्पन्न EMI और किराया साथ-साथ भर रहे है ग्राहक.पहले किसानों के साथ लंबी अदालती लड़ाई और अब सुपरटेक के टि्वन टावर विवाद के बाद नोएडा की रियल्टी इंडस्ट्री डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.
मार्केट सेंटिमेंट सुधारने के मकसद से कंपनियां मौजूदा ग्राहकों को तय डेट से पहले ही पजेशन देने की बात कर रही हैं. कुछ ने अपनी डेडलाइन छह महीने पहले खींची है, तो कुछ 2 से 3 महीने पहले डिलिवरी देने की बात कर रहे हैं. हालांकि, कंस्ट्रक्शन की स्पीड से नाखुश बायर असोसिएशंस को अब भी भरोसा नहीं है कि कंपनियां ऐसा कर पाएंगी.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 20,000 फ्लैट बना चुके और यह संख्या 50,000 तक ले जाने का इरादा रखने वाले गौड़ संस लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट जितेंद्र सिंह ने बताया, ‘हम नोडेक्स में करीब 4,000 बायर्स को अगले महीने ही डिलिवरी देने जा रहे हैं, जो तय समय समय से 5-6 महीने पहले होगी. इसके बाद नवंबर-दिसंबर तक 35-40 फीसदी से ज्यादा पजेशन दे दिया जाएगा.’ उन्होंने माना कि हाल की घटनाओं से बायर्स का मूड खराब है और वे नए इन्वेस्टमेंट में जोखिम महसूस करने लगे हैं.
सेक्टर 93ए में 40 मंजिला 2 टावरों को गिराने के हाई कोर्ट के आदेश से निशाने पर आई सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा एक्सटेंशन में अपने पहले प्रॉजेक्ट इकोविलेज-1 में कई बार डेडलाइन बढ़ाने के बाद हाल में दिसंबर तक पजेशन का वादा किया था. लेकिन अब कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह दिवाली तक यह प्रॉजेक्ट रेजिडेंट्स को सौंप देगी.
जानकार बता रहे हैं कि कुछ दिन पहले ही इकोविलेज-3 लॉन्च करने के मद्देनजर कंपनी पुराने बायर्स की कुछ चिताएं और असंतोष दूर करने में जूटी है. नए प्रॉजेक्ट में कंपनी 40:30:30 पेमेंट प्लान पर जोर दे रही है और लीज रेंट भी ऑफर कर रही है.