Advertisement
  • होम
  • घर एक सपना
  • घर एक सपना: डीएलएफ गार्डन प्रोजेक्ट के 50 लोगों को फ्लैट देने के आदेश

घर एक सपना: डीएलएफ गार्डन प्रोजेक्ट के 50 लोगों को फ्लैट देने के आदेश

ऐसा अक्सर होता है कि जब घर में आग लग जाती है तब लोग कुआं खोदते है. प्रापर्टी के बाजार में इस कहावत का जबर्दस्त इफेक्ट होता है. बिल्डर प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले भारी-भरकम वादे करके निवेशकों से पैसा ले लेते हैं समय पर घर भी नहीं दे. लेकिन ग्राहकों को तब होश आता है जब सब कुछ हाथ से निकल जाता है.

Advertisement
  • October 15, 2016 3:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. ऐसा अक्सर होता है कि जब घर में आग लग जाती है तब लोग कुआं खोदते है. प्रापर्टी के बाजार में इस कहावत का जबर्दस्त इफेक्ट होता है. बिल्डर प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले भारी-भरकम वादे करके निवेशकों से पैसा ले लेते हैं समय पर घर भी नहीं दे. लेकिन ग्राहकों को तब होश आता है जब सब कुछ हाथ से निकल जाता है.
आखिर में ग्राहक के हिस्से बचता है बिल्डर और अथॉरिटी के चक्कर काटना. कई बार बिल्डर की मनमानी ऐसी होती है कि वो प्रोजेक्ट ही बदल देते है या फिर फ्लोर प्लान बदल देते है. प्लान बदलने का सीधा मतलब..है कि ग्राहक को रिफंड मिले. लेकिन बिल्डर रिफंड देने से साफ मुकर जाता है.
 
बिल्डर- बायर एग्रीमेंट में भी मनमानी होती है. उसे एकतरफा बनाया जाता है. सवाल है क्या बिल्डर की इस मनमानी से निपटने का कोई इंतजाम होगा..या ग्राहक यूं ही बिल्डरों की जालसाजी में फंसते चले जाएंगे. घर एक सपना में आज ऐसी मुश्किलों में फंसे ग्राहको के लिए एक गुड न्यूज है.
 
नीरज सिब्बल ने साल 2007 में अपना घर दिल्ली से सटे नोएडा में बुक करवाया था लेकिन पूरे नौ साल हो गए नीरज को अभी तक अपने घर का पजेशन नहीं मिल पाया है. बिल्डर आए दिन नीरज के सामने एक नया बाना लेकर खड़ा हो जाता है हालत ये हो चुकी है कि नीरज ने अपने घर की उम्मीद छोड़ दी है. लेकिन आज नीरज और नीरज जैसे सैकडो़ हजारों ग्राहकों के लिए खुशियां मनाने का दिन है.
 
दिवाली से पहले दिवाली मनाने का मौका है और इसकी वजह बना है राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) का वो फैसला.जिसके मुताबिक यदि किसी प्रोजेक्ट के खरीदार की शिकायत पर एनसीडीआरसी अपना फैसला सुनाता है तो उसका फायदा सभी प्रोजेक्ट के सभी खरीदारों को मिलेगा.
 
यानी किसी प्रोजेक्ट में देरी हो रही है तो उस प्रोजेक्ट के खरीदार मिलकर एनसीडीआरसी में शिकायत दर्ज करा सकते हैं.इतना ही नहीं, यदि आयोग में किसी शिकायत की सुनवाई हो रही है तो बाद में भी खरीदार इस शिकायत में शामिल हो सकते हैं.

Tags

Advertisement