खेती के बाद देश में सबसे ज्यादा लोगों को रियल एस्टेट सेक्टर से ही रोजगार मिलता है. साथ ही देश के जीडीपी का 5 फीसदी हिस्सा भी रियल एस्टेट से आता है. इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार बजट में वित्त मंत्री रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री स्टेटस जरुर देंगे.
नई दिल्ली. खेती के बाद देश में सबसे ज्यादा लोगों को रियल एस्टेट सेक्टर से ही रोजगार मिलता है. साथ ही देश के जीडीपी का 5 फीसदी हिस्सा भी रियल एस्टेट से आता है. इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार बजट में वित्त मंत्री रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री स्टेटस जरुर देंगे.
बिल्डर्स और जानकार सेक्टर में पारदर्शिता और निवेश बढ़ाने के लिए इस बजट में सरकार से कुछ ठोस कदम की उम्मीद कर रहे हैं. घटती बिक्री और लंबे क्लियरेंस प्रोसेस से परेशान रियल एस्टेट सेक्टर इस साल प्रणब दा से इंडस्ट्री में नई जान फूंकने के लिए बूस्टर डोस की उम्मीद कर रही है.
बिल्डर्स की सबसे बडी मांग है सिंगल विंडो क्लीयरेंस. जिससे वो अपने प्रोजेक्ट जल्द से जल्द शुरु कर सकें. इसके अलावा वो अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्टस के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस की भी मांग कर रहे हैं जिससे उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत कम ब्याज पर कर्ज का फायदा मिलेगा.
आम जनता को भी बजट से उम्मीदें
आम बजट से आम लोगों की भी काफी उम्मीदें हैं. आम जनता सरकार से आमदनी बढ़ाने के साथ सस्ते घरों की मांग कर रही है. जनता चाहती है कि हाउसिंग लोन में टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाए और सरकार सस्ते घरों को बढ़ावा दें. हर साल के बजट में रियल एस्टेट को नज़रअंदाज किया जाता है.
वीडियो में देखें घर एक सपना का ये एपिसोड