नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली छोटे मार्सूपियल्स यानी बेहद छोटे चूहों आंटेचिनस एक खास काम के लिए पैदा होता है। इस प्रजाति के चूहे का काम सिर्फ मादा को प्रेग्नेंट करना होता है। इस काम को पूरा करने में उनकी जान चली जाती है। इसके बाद मादा चूहा नर चूहा के मृत शरीर […]
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली छोटे मार्सूपियल्स यानी बेहद छोटे चूहों आंटेचिनस एक खास काम के लिए पैदा होता है। इस प्रजाति के चूहे का काम सिर्फ मादा को प्रेग्नेंट करना होता है। इस काम को पूरा करने में उनकी जान चली जाती है। इसके बाद मादा चूहा नर चूहा के मृत शरीर को खा जाती है।
कहा जाता है कि मृत शरीर को खाने से मादा चूहा मजबूत बनती है और भविष्य में बच्चे पैदा करने के लिए उसे ऊर्जा मिलती है। ये चूहें कीड़ें, मकौड़े, मेंढक या सरिसृपों को खाकर जीवित रहते हैं। आंटेचिनस प्रजाति के जितने भी चूहे हैं वो मादा के साथ लम्बे समय तक संबंध बनाते हैं। लंबे समय तक संबंध बनाने की वजह से इनके अंग फेल हो जाते हैं और ये मर जाते हैं।
आंटेचिनस में चूहों की 15 प्रजातियां है और सभी के साथ ऐसा ही होता है। इन्हें जिंदा रहने के लिए संबंध बनाने से दूर रहना पड़ता है। नर और मादा दो से तीन हफ्ते तक सेक्स करते हैं। वो अपना अधिकतम समय और ऊर्जा संबंध बनाने में खर्च कर देते हैं। ये एक दिन में करीब 14 घंटा संबंध बनाने में जाया करते हैं। नर चूहा इसी उम्मीद में रहते हैं कि मादा से पैदा होने वाले बच्चे उनके जीन्स से आएंगे।