भारत के इस गांव के पुरुष निक्कमे, बहन-बेटियों से वेश्यावृति कराकर पालते हैं अपना पेट

जयपुर। राजस्थान का भरतपुर जिला अपने ऐतिहासिक इमारतों और धरोहरों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाती है। यहां पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस शहर का एक ऐसा हिस्सा भी है, जिसका अतीत और वर्तमान बेहद काला है। आज हम एक ऐसी ही जगह की बात करेंगे जहां की औरतें वर्षों से देह व्यापर करने को मजबूर हैं। आजादी के 75 सालों के बाद भी इनकी स्थिति नहीं बदली है।

300 साल से जी रही ये जिंदगी

भरतपुर से दो किलोमीटर की दूरी पर मलाहा गांव है। यहां पर बेड़िया जाति की महिलाएं रहती हैं। ये महिलाएं पुराने समय से ही देह व्यपार करती आ रही हैं। यह व्यवस्था यहां पर करीब 300 सालों से चल रही है। इस जाति की महिलाएं घर का चूल्हा जलाने और पुरुषों के पेट पालने के लिए देह व्यापर करती हैं। घर के मर्द गुजर-बसर के लिए उन्हें इस दलदल में जाने को धकेल देते हैं।

जमीदारों के यहां करती थीं नृत्य

बेड़िया समाज के पुरुष अपने खर्चों के लिए घर की महिलाओं पर निर्भर रहते हैं। खुद नहीं कमाते और घर की बहन-बेटियों को छोटी उम्र से ही किसी और के पास भेज देते हैं। सालों से चल रहे इस घिनौने कार्य को करने के लिए वो आज भी मजबूर हैं। ऐसा कहा जाता है कि पुराने समय में इस समाज की महिलाएं जमीदारों के यहां जाकर नृत्य करती थीं और अपना पेट पालती थीं लेकिन जमींदारी प्रथा बंद होने के बाद वो देह व्यापर करने लगी।

 

डिस्क्लेमर- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।

 

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