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इन राज्यों में होती है भांग की खेती, जानें इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली:  भांग (Cannabis sativa) एक ऐसा पौधा है जो अपनी औषधीय, औद्योगिक और सांस्कृतिक उपयोगिता के लिए जाना जाता है। भारत में भांग की खेती और उपयोग का एक लंबा इतिहास है, इसका उपयोग अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। वैसे तो भारत के कई हिस्सों में भांग की खेती की […]

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इन राज्यों में होती है भांग की खेती, जानें इसके पीछे की वजह
  • September 5, 2024 10:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली:  भांग (Cannabis sativa) एक ऐसा पौधा है जो अपनी औषधीय, औद्योगिक और सांस्कृतिक उपयोगिता के लिए जाना जाता है। भारत में भांग की खेती और उपयोग का एक लंबा इतिहास है, इसका उपयोग अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। वैसे तो भारत के कई हिस्सों में भांग की खेती की जाती है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में इसका उत्पादन ज़्यादा होता है।

इन राज्यों में भांग की खेती ज़्यादातर होती है

भारत में भांग की खेती ख़ास तौर पर पूर्वोत्तर राज्यों में होती है।

हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में देश में भांग की सबसे ज़्यादा खेती होती है, ख़ास तौर पर किन्नौर, मंडी और कुल्लू ज़िलों में। यहाँ भांग का इस्तेमाल पारंपरिक और औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

उत्तराखंड: उत्तराखंड में भांग की खेती पारंपरिक रूप से की जाती है। यहाँ के पहाड़ी इलाकों में इसका इस्तेमाल स्थानीय औषधीय उपचार और धार्मिक अनुष्ठानों में भी किया जाता है।

सिक्किम: सिक्किम में भांग की खेती ख़ास तौर पर इसके पारंपरिक इस्तेमाल के लिए की जाती है। यहाँ की जलवायु भांग की खेती के लिए अनुकूल है।

अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश में भी भांग की खेती की जाती है, जिसे पारंपरिक चिकित्सा और अन्य उपयोगों के लिए उगाया जाता है। भांग का इस्तेमाल न केवल नशे के लिए बल्कि इन उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है

औषधीय उपयोग: भांग के बीज, पत्ते और पत्तियों के अर्क को उनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। पारंपरिक चिकित्सा में, इसका उपयोग दर्द को दूर करने, मतली और चिंता को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, भांग का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है, जहाँ इसे विभिन्न दवाओं में मिलाया जाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक उपयोग: भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी भांग का उपयोग किया जाता है। खासकर हिंदू धर्म में, भांग का उपयोग शिवरात्रि और अन्य पूजा-पाठ में किया जाता है। इसे “भांग” के रूप में प्रसाद के रूप में भी चढ़ाया जाता है।

औद्योगिक उपयोग: भांग के रेशे का उपयोग औद्योगिक वस्त्र, कागज और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है। भांग के रेशे मजबूत और टिकाऊ होते हैं, जिसके कारण इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के कपड़ों और निर्माण सामग्री में किया जाता है।

खाद्य: भांग के बीजों का उपयोग खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है। भांग के बीजों को भूनकर या पाउडर के रूप में खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है, जो प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है।

औषधीय तेल और उत्पाद: भांग के बीजों से प्राप्त तेल का उपयोग औषधीय उत्पादों में किया जाता है। इस तेल का उपयोग त्वचा की देखभाल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है।

 

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