September 19, 2024
  • होम
  • क्यों मनाई जाती है तेजा दशमी, जानिए कैसे हुई इस त्योहार की उत्पत्ति

क्यों मनाई जाती है तेजा दशमी, जानिए कैसे हुई इस त्योहार की उत्पत्ति

  • WRITTEN BY: Shweta Rajput
  • LAST UPDATED : September 13, 2024, 2:50 pm IST

नई दिल्ली: तेजा दशमी एक प्रमुख लोक पर्व है जो राजस्थान और मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाई जाती है। यह त्योहार विशेष रूप से वीर तेजाजी महाराज की याद में मनाया जाता है, जिन्हें लोक देवता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन को तेजा दशमी कहा जाता है क्योंकि यह भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष तेजा दशमी 13 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है।

तेजाजी महाराज की कथा

तेजाजी महाराज को राजपूत योद्धा के रूप में जाना जाता है जिन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। लोक कथाओं के अनुसार, तेजाजी का जन्म नागौर जिले के खड़नाल गांव में हुआ था। उनकी वीरता और निस्वार्थ सेवा के कारण उन्हें ग्रामीण समुदायों में देवी-देवताओं जैसा सम्मान प्राप्त हुआ। ऐसा कहा जाता है कि तेजाजी ने सांप के काटे हुए व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपनी प्राणों की आहुति दी थी। उस समय उन्होंने सांप से वादा किया था कि वह उसे काटने का मौका देंगे। अपनी वचनबद्धता को निभाते हुए, तेजाजी ने अपने कर्तव्यों को पूरा करने के बाद सांप को अपने पैर में काटने दिया। यही कारण है कि तेजाजी को सांपों से जुड़े देवता के रूप में भी पूजा जाता है और सांप के डसने पर लोग उनकी शरण में आते हैं।

उत्पत्ति और धार्मिक महत्व

तेजा दशमी की उत्पत्ति तेजाजी महाराज की वीरता और बलिदान से जुड़ी है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है जो सांप के डसने से बचने के लिए तेजाजी की पूजा करते हैं। लोक मान्यता है कि तेजा दशमी के दिन पूजा करने से सांपों का भय समाप्त हो जाता है और घर में समृद्धि आती है।

तेजा दशमी पर तेजाजी के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तजन वहां जाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यह त्योहार ग्रामीण अंचलों में अधिक लोकप्रिय है, जहां लोग इस दिन उपवास रखते हैं और तेजाजी के गीत गाते हुए उनकी वीरता के गुणगान करते हैं।

कैसे मनाई जाती है तेजा दशमी?

तेजा दशमी पर तेजाजी महाराज की पूजा की जाती है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं और उनके मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन तेजाजी के गीत और भजन गाए जाते हैं, जिनमें उनकी वीरता, त्याग और बलिदान का उल्लेख होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मेलों का आयोजन भी होता है, जहां तेजाजी के प्रति आस्था रखने वाले लोग बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं। इस दिन सांपों से बचने के लिए विशेष रूप से तेजाजी की पूजा की जाती है। यह मान्यता है कि तेजाजी महाराज की कृपा से सांप का डसना भी निष्क्रिय हो जाता है, इसलिए सांप से बचने के लिए लोग तेजा दशमी के दिन उनका आशीर्वाद लेते हैं।

Also Read…

बड़ा चमत्कारिक निकला ये डॉक्टर, सिर्फ 30 सेकेंड में योगी का हाथ ठीक कर दिया, फीस सुनकर चौंक जाएंगे

इन लोगों के लिए जहर से समान है बादाम, जानिए खाने से क्या हो सकते है नुकसान

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन