नई दिल्ली: भाई दूज का त्योहार इस साल 3 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा। यह पर्व दिवाली के दो दिन बाद आता है और भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई इस प्यार का आदान-प्रदान उपहार देकर करते हैं।
भाई दूज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, जो मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ी कहानी पर आधारित है। कहा जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन से मिलने आए थे, यमुनाजी ने उन्हें भोजन कराया और तिलक लगाकर उनके लिए दीर्घायु की कामना की। इसके बदले में यमराज ने वरदान दिया कि जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक लगाएगी, उसका भाई दीर्घायु होगा। इस कारण से, भाई दूज के दिन तिलक की रस्म को शुभ और विशेष माना गया है। इस दिन परंपरागत रूप से बहनें अपने भाई के लिए विशेष पकवान बनाती हैं और उन्हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में और भी गहराई जोड़ता है और इस दिन की खुशियों को साझा करने का एक सुंदर मौका है।
पंचांग के अनुसार भाई दूज का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। इस बार द्वितीया तिथि 2 नवंबर की रात को शुरू होकर 3 नवंबर को शाम तक रहेगी। इसलिए भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाना उचित माना गया है। 3 नवंबर को भाई दूज के तिलक का शुभ मुहूर्त सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है। यह समय भाई को तिलक लगाने और उसे भोजन कराकर उसका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा माना गया है।
1. भाई को एक साफ चौकी पर बैठाकर उसे तिलक करें।
2. तिलक के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उपहार दें।
3. भाई भी अपनी बहन को आशीर्वाद और उपहार देकर इस दिन को खास बनाता है।
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