नई दिल्ली: सावन मास की शिवरात्रि इस साल 2024 में 2 अगस्त को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। भक्त इस दिन व्रत रखकर और विशेष पूजा विधियों का पालन कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। आइए जानते हैं कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विधि से कैसे करें?
1. स्वच्छता और उपवासी होना: सावन शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इस दिन उपवासी रहना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन जो स्वास्थ्य कारणों से उपवासी नहीं रह सकते, वे फल और दूध का सेवन कर सकते हैं।
2. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां एक सफेद कपड़ा बिछाएं। इसके ऊपर एक पाटी या चौकी रखकर उस पर भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित करें।
3. धूप और दीपक: पूजा स्थल पर धूप और दीपक जलाएं। यह वातावरण को पवित्र करने के साथ-साथ भगवान शिव को आकर्षित करता है।
1. अभिषेक (शिवलिंग पर जल अर्पण): शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, शहद और घी का अभिषेक करें। इस अभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
2. पुष्प अर्पण: भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के फूल अर्पित करें। खासकर बेल पत्र, बेल के पत्ते और सफेद फूल विशेष रूप से पसंद किए जाते हैं।
3. धूप और दीपक: भगवान शिव को धूप और दीपक अर्पित करें। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भगवान शिव को प्रसन्न करता है।
4. मंत्र जाप: पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें। यह मंत्र शिव की असीम शक्ति और आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम है। इसके अलावा आज के दिन शिव चालीसा का पाठ करें।
5. भोग अर्पण: भगवान शिव को बेल पत्र, शहद, दूध, धतूरा और फल अर्पित करें। भोजन का भोग भी भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए, ताकि आपके द्वारा अर्पित सामग्री को भगवान स्वीकार कर सकें।
6. रात की पूजा: शिवरात्रि की रात भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। इस दौरान रात्रि जागरण करें, शिवभजन गाएं और शिव का कीर्तन करें।
7. आरती: पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें। आरती के समय ‘ॐ जय शिव’ जैसे भजन गाना विशेष फलदायी होता है।
8. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान शिव को अर्पित किए गए प्रसाद को परिवार के सभी सदस्य और अन्य भक्तों में वितरित करें। इससे सबके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सावन शिवरात्रि के उपवास से शरीर की साफ-सफाई होती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है, और भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। यह व्रत आत्म-संयम, संयम और आत्म-शुद्धि का एक माध्यम है। सावन शिवरात्रि पर विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह दिन विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
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