नई दिल्ली: अनंत चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा का महत्व है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु अनंत सूत्र धारण करते हैं। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का शुभ पूजा मुहूर्त कब से कब तक है।
अनंत चतुर्दशी का प्रारंभ 16 सितम्बर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से हुआ है और इसका समापन 17 सितम्बर यानी आज दोपहर 12बजकर 56 मिनट मे होने वाला है। इसी कारण से 17 सितम्बर के दिन उदयातिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जा रहा है। अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 11बजकर 34 मिनट तक रहने वाला है।
हिंदू धर्म के अनुसार अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु ने संसार की रक्षा के लिए अपने अनंत रूप को धारण किया था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
1. स्नान और शुद्धि: अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
2. अनंत सूत्र: पूजा के दौरान पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करती हैं। यह सूत्र भगवान विष्णु की कृपा और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
3. पूजा सामग्री: भगवान विष्णु की पूजा के लिए आपको दूध, फल, फूल, अक्षत, धूप, दीप, चंदन, और विशेष रूप से 14 गांठों वाला अनंत सूत्र चाहिए। इन सामग्रियों को श्रद्धा से भगवान विष्णु को अर्पित करें।
– भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को साफ स्थान पर स्थापित करें।
– दीप जलाएं और भगवान विष्णु को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
– अब “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का जाप करें और भगवान विष्णु से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
– पूजा के बाद अनंत सूत्र धारण करें। यह सूत्र जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और समृद्धि प्रदान करने का प्रतीक है।
– इस दिन अनंत चतुर्दशी की कथा का पाठ भी किया जाता है। यह कथा भगवान विष्णु के अनंत रूप और उनकी महिमा का वर्णन करती है।
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन जल और अन्न का दान भी शुभ माना जाता है।
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