आज है वृश्चिक संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई  दिल्ली: सूर्य का एक राशि एक राशि से दूसरी राशि में दाखिल होना संक्रांति के रूप में जाना जाता है। मेष, मिथुन, मकर, धनु और कर्क राशि संक्रांति में खास महत्व रखती है। आज 16 नवंबर 2024 यानी आज वृश्चिक संक्रांति है। वृश्चिक संक्रांति का संबंध प्रकृति, खगोल विज्ञान, कृषि, और ऋतु परिवर्तन से […]

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आज है वृश्चिक संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shikha Pandey

  • November 16, 2024 12:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 hours ago

नई  दिल्ली: सूर्य का एक राशि एक राशि से दूसरी राशि में दाखिल होना संक्रांति के रूप में जाना जाता है। मेष, मिथुन, मकर, धनु और कर्क राशि संक्रांति में खास महत्व रखती है। आज 16 नवंबर 2024 यानी आज वृश्चिक संक्रांति है। वृश्चिक संक्रांति का संबंध प्रकृति, खगोल विज्ञान, कृषि, और ऋतु परिवर्तन से होता है, इसलिए प्रत्येक संक्रांति का अपना एक खास महत्व होता है।

वृश्चिक संक्रांति का शुभ मुहूर्त

वृश्चिक संक्रांति को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन सभी शुभ कार्य भी संपन्न किए जाते हैं। हर संक्रांति की अपनी विशेष प्रथा होती है। सूर्य देव मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 16 नवंबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा। जो 07 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इसी तरह महा पुण्य काल का मुहूर्त भी सुबह 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक निश्चित है।

वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

वृश्चिक संक्रांति के मौके पर सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ और स्वच्छ कपड़े पहन लेने चाहिए। इसके बाद पूजा की तैयारी करें। इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है तो इसके लिए एक तांबे के लोटे में पानी भर लें। पानी में काला तिल, रोली, हल्दी, चंदन, और सिंदूर डालकर सूर्य देव को चढ़ाए। फिर धूप और दीप जलाकर भगवान सूर्य की आरती उतारें। साथ ही सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।

हलवे का भोग लगाए

इसके बाद, सूर्य देव को लाल फूल चढ़ाए। इस दिन, घी और लाल चंदन का लेप लगाकर भगवान सूर्य नारायण के सामने घी की दीपक जलाए। आखिर में, गुड़ से बने हलवे का भोग सूर्य देव को लगाए।

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