नई दिल्ली: छठ पूजा का पवित्र पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना व्रत का विशेष महत्व होता है। यह दिन छठी मइया और सूर्य देव की आराधना के लिए समर्पित होता है, जिसमें व्रतधारी दिनभर उपवास रखते हैं और […]
नई दिल्ली: छठ पूजा का पवित्र पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना व्रत का विशेष महत्व होता है। यह दिन छठी मइया और सूर्य देव की आराधना के लिए समर्पित होता है, जिसमें व्रतधारी दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। आइए जानें आज के खरना व्रत का मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में।
आज खरना व्रत का शुभ मुहूर्त संध्या समय निर्धारित किया गया है। खरना पूजा के लिए शुभ समय शाम को सूर्यास्त से पहले का होता है। इस दौरान व्रतधारी पवित्र नदी या तालाब के किनारे पूजा करने जाते हैं और सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आज सूर्यास्त का समय शाम 5:05 बजे होगा। खरना पूजा का शुभ मुहूर्त 5:29 बजे से 7:48 बजे तक है। इस समय के बीच व्रतधारी अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं, और सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं।
खरना पूजा में व्रतधारी पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं। दिनभर उपवास के बाद शाम को वे पवित्र होकर प्रसाद बनाते हैं, जिसमें मुख्य रूप से खीर-रोटी, गन्ने का रस और चने की दाल शामिल होती है। प्रसाद बनने के बाद घर के पूजा स्थान में दीया जलाकर भगवान सूर्य को प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके बाद व्रतधारी और उनके परिवार के सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं। खरना पूजा में केवल शुद्ध देसी घी का उपयोग किया जाता है और इसे बहुत ही सादगी से संपन्न किया जाता है।
छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व है क्योंकि इसे शुद्धता, तपस्या और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। खरना व्रत के दिन व्रतधारी आत्मशुद्धि के उद्देश्य से उपवास रखते हैं और भगवान सूर्य से परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। खरना के बाद व्रतधारी अगले दो दिन निर्जला व्रत रखते हैं, जिसमें वे लगातार पूजा-अर्चना करते हैं। छठ पर्व में शुद्धता और प्रकृति के साथ सामंजस्य पर जोर दिया गया है, इसलिए पूजा में सादगी और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरना के दिन की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
छठ पूजा के दिन छठ के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद को हमेशा साफ बर्तनों व सामग्रियों के साथ बनाना चाहिए।
कभी भी छठ के लिए प्रसाद बनाते समय उसे चखने की भूल न करें।
छठ पर्व के दिनों में घर में प्याज और लहसुन का सेवन न करें। घर में भी इसका उपयोग न होने दें।
इस दौरान व्रती महिलाओं को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए। आप जमीन पर बिस्तर बिछाकर सोएं।
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