नई दिल्ली : सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. पंचांग की मानें तो शिवरात्रि का दिन हर महीने में कृष्ण चतुर्दशी तिथि को आता है. इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता हैं. सावन के महीने में भक्त अपनी भक्ति को भगवान शिव के लिए समर्पित करते हैं. हर वर्ष यह माह […]
नई दिल्ली : सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. पंचांग की मानें तो शिवरात्रि का दिन हर महीने में कृष्ण चतुर्दशी तिथि को आता है. इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता हैं. सावन के महीने में भक्त अपनी भक्ति को भगवान शिव के लिए समर्पित करते हैं. हर वर्ष यह माह जुलाई अगस्त में आता है. इस वर्ष सावन 14 जुलाई से शुरू हो गया है जो 12 अगस्त को समाप्त होगा. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन के माह में सभी शिवभक्त शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करने जाते हैं. भोलेनाथ को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए भक्त इस महीने कई उपाय भी करते हैं.
पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है. सावन शिवरात्रि इस बार 26 जुलाई के दिन यानी मंगलवार को मनाई जाएगी. सावन सोमवार के साथ सावन शिवरात्रि का भी अपना महत्त्व होता है. इस दिन व्रत रखते हुये भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन की मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं. शिव भगवान भक्तों के सरे दुःख दूर करते हैं और सभी भक्तों को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इतना ही नहीं शिव जी के प्रसन्न होने से घर परिवार में धन का भंडार भर जाता है.
पंचांग की मानें तो इस बार सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम मुहूर्त सिर्फ 42 मिनट का है. इसके लिए ये जरूरी है कि आप पूजा समय के पूर्व ही शिव पूजा की तैयारी कर लें.
सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ : जुलाई 26, 2022 को 06:46 पी एम बजे
सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति : जुलाई 27, 2022 को 09:11 पी एम बजे
निशिता काल पूजा समय : 12:07 ए एम से 12:49 ए एम, जुलाई 27
सावन शिवरात्रि पूजा की अवधि: 42 मिनट
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