नई दिल्ली, भाई बहन के रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है, इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। वहीं, भाई भी बहन की रक्षा करने वचन देता है। वहीं बहने अपने भाई को राखी […]
नई दिल्ली, भाई बहन के रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है, इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। वहीं, भाई भी बहन की रक्षा करने वचन देता है। वहीं बहने अपने भाई को राखी बांधने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखे। दरअसल ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर 200 साल बाद एक बेहद दुर्लभ संयोग का निर्माण होने वाला है।
ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार रक्षाबंधन पर ग्रहों की एक विशेष स्थिति बन रही है। दरअसल इस बार गुरुदेव बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति शनि वक्री अवस्था में अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे। आपको बता दें, ग्रहों का ऐसा संयोग करीब 200 साल बाद बन रहा है। जब किसी ग्रह की चाल उल्टी होती है तो धर्म शास्त्रों में उसे वक्री ग्रह कहते हैं। .
ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन पर शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं। इसके चलते रक्षाबंधन के त्योहार का महत्व और अधिक बढ़ गया है। रक्षाबंधन के दिन अभिजीत मुहूर्त, विजय मुहूर्त और अमृत काल, प्रदोष काल जैसी शुभ घड़ियां भी होने वाली है। इन्हें ध्यान में रखते हुए आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं। कुछ लोग 12 अगस्त को राखी का त्योहार मनाने का विचार कर रहे हैं। ऐसे में जरूर जान ले कि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक ही राखी का त्योहार मना सकते हैं। इसके बाद पूर्णिमा तिथि खत्म हो जाएगी।
ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के साया में मनाया जाएगा ऐसे में, 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन शाम 5 बजकर 17 मिनट से भद्रा का साया रहेगा। भद्रा का साया 11 अगस्त की शाम 5.17 से लेकर 6.18 तक रहेगा। इसके बाद 6.18 से रात 8 बजे तक मुख भद्रा रहेगी, वहीं इस दिन भद्रा का साया पूर्ण रूप से रात 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगा। इसके बाद आप रखी बाँध सकते हैं।
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