नई दिल्ली: रक्षाबंधन, भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व, हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2024 में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा, और इस दिन कई विशेष योग बन रहे हैं जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा […]
नई दिल्ली: रक्षाबंधन, भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व, हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2024 में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा, और इस दिन कई विशेष योग बन रहे हैं जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल में रक्षासूत्र बांधना वर्जित माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस साल भद्रा के होने के कारण बहनें किस समय अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
जानकारी के मुताबिक ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन रात 19 अगस्त में 2 बजकर 21 मिनट के आस-पास भद्रा लगने वाली है। जानकारी के अनुसार सुबह के समय 09 बजकर 51 मिनट से लेकर 10 बजकर 53 मिनट तक रक्षाबंधन के दिन भद्रा पुंछ रहने वाला है। इसके बाद भद्रा मुख सुबह 10 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रक्षाबंधन के दिन रहने वाला है। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 30 पर भद्रा का समापन हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र और हिन्दु मान्यताओं के अनुसार भद्रा का लगना किसी भी शुभ कार्य में काफी अशुभ माना जाता है। इसके आलावा पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन सुबह के समय 3 बजकर 04 मिनटपर शुरू हो जाएगी और इसका समापन रात 11 बजकर 55 मिनट पर जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भद्रा को बहुत ही अशुभ समय खत्म होने के बाद आप दोपहर 1 बजकर 43 मिनट से लेकर रक्षाबंधन के दिन शाम 4 बजकर 20 मिनट तक खास मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं। जानकारी के अनुसार इस समय बेहद खास और शुभ मुहूर्त रहने वाला है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि लंकापति रावण की को उनकी बहन ने भद्राकाल में ही कलाई पर राखी बांधी थी। इसके बाद एक वर्ष के भीतर ही रावण का विनाश हो गया था। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव का बहन ही भद्रा थी। ब्रह्मा जी ने भद्रा को यह श्राप दिया था कि भद्रा के समय किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाएगा। इसी कारण से भद्रा मेंस किसी भी कार्य को करना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा आप रक्षाबंधन के दिन प्रदोष काल के समय भी भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। जानकारी के अनुसार शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर रक्षाबंधन के दिन प्रदोष काल रात 09 बजकर 07 मिनट कर रहने वाला है।
इस दिन राखी बांधने से पहले बहनों को अपने भाईयों के लिए उपवास रखना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय बहनों को यह ध्यान रखना चाहिए कि राखी को भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधा जाए। राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलानी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करें। रक्षाबंधन की तैयारी के लिए सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को साफ़ करें और उसमें पूजा सामग्री रखें। इसके बाद थाली में राखी, चावल, रोली, हल्दी, दीया, मिठाई, और कुछ मिठाइयाँ रखें। पूजा की थाल और रक्षासूत्र को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें। आपने
हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष मंत्र का जाप करने से भाइयों के साथ आपके संबंध काफी अच्छे बने रहते हैं। इसलिए आप अपने भाई को रक्षाबंधन के दिन इस विशेष मंत्र का जाप अपने भाई को राखी बांधते वक्त करें। यदि रक्षासूत्र में चंदन लगा होता है तो वह भी काफी शुभ माना जाता है। ध्यान रहे कि रक्षासूत्र तीन धागों का हो तो वह काफी शुभ होता है। माता पिता और गुरु का आशीर्वाद रक्षासूत्र बंधवाने के बाद जरूर लें। इसके अलावा इस दिन अपनी बहन को उपहार में काले वस्त्र और तीखा खाद्य देनें से बचें।
राखी बांधते वक्त इस मंत्र का करें जाप
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः
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