नई दिल्ली: हर साल विश्वकर्मा पूजा भाद्रपद महीने के अंतिम दिनों में मनाई जाती है। यह पूजा विशेष रूप से भगवान विश्वकर्मा के प्रति आस्था प्रकट करने और अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति की कामना के लिए की जाती है। लेकिन इस बार लोगों में पूजा को लेकर गलतफहमी बनी हुई है कि विश्वकर्मा पूजा 16 […]
नई दिल्ली: हर साल विश्वकर्मा पूजा भाद्रपद महीने के अंतिम दिनों में मनाई जाती है। यह पूजा विशेष रूप से भगवान विश्वकर्मा के प्रति आस्था प्रकट करने और अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति की कामना के लिए की जाती है। लेकिन इस बार लोगों में पूजा को लेकर गलतफहमी बनी हुई है कि विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को होगी या 17 सितंबर को। आइए जानते हैं इस वर्ष पूजा का सही दिन और शुभ मुहूर्त।
इस साल, पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन है। इसी दिन कन्या संक्रांति का प्रवेश होगा। कन्या संक्रांति की वजह से यह पूजा उसी दिन की जाएगी। हालांकि कुछ स्थानों पर 16 सितंबर को भी पूजा की जाएगी, लेकिन ज्यादातर जगहों पर 16 सितंबर को पूजा की जा रही है।
पंडितों के अनुसार, इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त केवल कुछ ही घंटे का रहेगा। 17 सितंबर 2024 को शुभ समय 06 बजकर 07 मिनट से 11 बजकर 44 मिनट तक है। इस दौरान पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
भगवान विश्वकर्मा को सृजन और निर्माण का देवता माना जाता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण धरोहरों का निर्माण किया, जिसमें भगवान इंद्र का स्वर्ग, द्वारका नगरी और पांडवों का महल शामिल हैं। विश्वकर्मा पूजा का महत्व इसलिए अधिक है, क्योंकि इस दिन सभी कारीगर, इंजीनियर और मशीनरी से जुड़े लोग अपनी मशीनों और औजारों की पूजा करते हैं ताकि उनके कार्य में कोई बाधा न आए और वे सफलता प्राप्त कर सकें।
इस दिन कारीगर अपने औजारों, मशीनों और उपकरणों को साफ कर पूजा करते हैं। साथ ही, भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पूजा से जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है, और व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं।
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