नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्यौहार भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और उन्हें विघ्नहर्ता तथा सुख-समृद्धि का दाता माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं […]
नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्यौहार भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और उन्हें विघ्नहर्ता तथा सुख-समृद्धि का दाता माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं कि इस गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए किन उपायों को अपनाया जा सकता है।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन में धैर्य, समर्पण, और सकारात्मकता बनाए रखने की प्रेरणा भी देता है। भगवान गणेश की कृपा से न केवल हमारे जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि हमें जीवन में सफलता और समृद्धि भी प्राप्त होती है। इस गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के इन उपायों को अपनाएं और अपने जीवन को सुखमय बनाएं। उदया तिथि के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के लिए एक साफ स्थान का चयन करें और वहाँ भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा, लाल फूल, रोली, सिंदूर, मोदक, नारियल और पान के पत्ते का विशेष महत्व होता है। सबसे पहले गणेश जी का आवाहन करते हुए उन्हें रोली और सिंदूर का तिलक करें। इसके बाद उन्हें दूर्वा अर्पित करें, क्योंकि भगवान गणेश को दूर्वा अत्यधिक प्रिय है। फिर उन्हें मोदक और लड्डू का भोग लगाएं, जो उनका पसंदीदा भोजन माना जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके अलावा, “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।” मंत्र का भी जाप करना लाभकारी होता है।
गणेश चतुर्थी पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन, और धन का दान करें। विशेषकर, गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन करने से पहले 21 दूर्वा अर्पित करें और उसके बाद मूर्ति को पानी में विसर्जित करें। विसर्जन के समय गणेश जी से अपनी सभी समस्याओं के निवारण की प्रार्थना करें और उन्हें अगले वर्ष पुनः आने का निमंत्रण दें।
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