नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से प्रसन्न होती हैं माता, बस जान लें ये नियम और महत्व

नई दिल्ली: नवरात्रि का त्योहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। विशेष रूप से, कई घरों में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है। अखंड ज्योति का अर्थ होता है – एक ऐसा दीपक जो लगातार नौ दिनों […]

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नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से प्रसन्न होती हैं माता, बस जान लें ये नियम और महत्व

Shweta Rajput

  • September 29, 2024 2:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: नवरात्रि का त्योहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। विशेष रूप से, कई घरों में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है। अखंड ज्योति का अर्थ होता है – एक ऐसा दीपक जो लगातार नौ दिनों तक बिना बुझाए जलता रहता है। इस दीपक को मां दुर्गा के समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अखंड ज्योति जलाने के कुछ विशेष नियम और सावधानियां होती हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।

अखंड ज्योति जलाने के नियम

1. पवित्र स्थान का चयन: अखंड ज्योति जलाने के लिए सबसे पहले पवित्र और स्वच्छ स्थान का चयन करें। इसे पूजा स्थान या घर के मंदिर में रखा जाता है। जहां दीपक रखा जा रहा हो, वह स्थान साफ-सुथरा और शांतिपूर्ण होना चाहिए।

2. शुद्धता का ध्यान: अखंड ज्योति जलाने से पहले घर और पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए। साथ ही, जिस दीपक में अखंड ज्योति जलाई जा रही हो, उसे भी शुद्ध करना आवश्यक है। जलाने वाले व्यक्ति को स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।

3. घी या तेल का उपयोग: ज्योति जलाने के लिए शुद्ध गाय के घी या तिल के तेल का उपयोग किया जाता है। कुछ परंपराओं में सरसों का तेल भी इस्तेमाल किया जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति निरंतर जलती रहे, इसलिए समय-समय पर घी या तेल डालते रहें।

4. बाती का चयन: अखंड ज्योति के लिए रुई की बत्ती का उपयोग किया जाता है। कुछ लोग लाल कपड़े में लिपटी बत्ती का भी उपयोग करते हैं। यह बत्ती जितनी मोटी होगी, उतनी ही देर तक जलेगी।

5. पूरी देखभाल: अखंड ज्योति को जलाने के बाद उसे बिना देखरेख के नहीं छोड़ा जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि दीपक जलते समय आसपास कोई ज्वलनशील वस्तु न हो। इसे एक सुरक्षित स्थान पर रखें, जहां हवा के कारण यह बुझ न सके।

6. परिवार के सदस्यों का योगदान: अखंड ज्योति जलाने की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति की नहीं होती। यह पूरे परिवार की जिम्मेदारी है कि ज्योति निरंतर जलती रहे और समय पर घी या तेल डालते रहें।

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अखंड ज्योति का धार्मिक महत्व

अखंड ज्योति जलाना शक्ति की देवी मां दुर्गा को समर्पित एक विशेष धार्मिक परंपरा है। मान्यता है कि अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। यह दीपक जीवन में अंधकार को दूर करने और ज्ञान का प्रकाश फैलाने का प्रतीक है। अखंड ज्योति न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों की आस्था और संयम का भी प्रतीक है। नौ दिनों तक बिना रुके जलने वाली यह ज्योति भक्तों को यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद धैर्य और समर्पण बनाए रखना चाहिए।

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