नई दिल्ली: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है, और श्रद्धालु विशेष रूप से उनके पसंदीदा भोग “माखन मिश्री” को अर्पित करते हैं। इस विशेष अवसर पर माखन मिश्री बनाना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें शुद्धता और भक्ति का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं कि इस विशेष अवसर पर श्री कृष्ण के लिए माखन मिश्री का खास भोग कैसे बनाएं?
भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री अत्यधिक प्रिय थे। पुराणों में वर्णन है कि बालकृष्ण माखन चुराने के लिए जाने जाते थे, इसलिए उन्हें ‘माखन चोर’ भी कहा जाता है। यह भोग न केवल भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने का एक माध्यम है, बल्कि इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर माखन मिश्री का भोग विशेष महत्त्व रखता है। इसे बनाने में शुद्धता और भक्ति का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने का यह एक उत्तम माध्यम है। इस जन्माष्टमी पर आप भी शुद्ध और स्वादिष्ट माखन मिश्री बनाकर भगवान को अर्पित करें और उनके आशीर्वाद का अनुभव करें।
– दूध: 2 लीटर (ताजा और फुल क्रीम)
– मिश्री: 1/2 कप (कुटी हुई)
– पानी: 1/4 कप (दूध के बर्तन को धोने के लिए)
– मिट्टी का बर्तन: माखन बनाने के लिए
1. दूध को फेंटना: सबसे पहले ताजा दूध को एक बड़े मिट्टी के बर्तन में डालें और उसे फेंटना शुरू करें। इसे तब तक फेंटें जब तक मक्खन ऊपर आने न लगे। फेंटने के लिए लकड़ी के रोटर का प्रयोग करें। आप चाहें तो इसे मथानी या हाथ से भी फेंट सकते हैं। फेंटने के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें।
2. मक्खन निकालना: जब मक्खन दूध के ऊपर आ जाए, तो उसे सावधानी से निकाल लें और एक अलग बर्तन में रखें। ध्यान रहे कि मक्खन को अधिक फेंटने से उसका स्वाद और गुणवत्ता खराब हो सकती है।
3. मक्खन को साफ करना: अब मक्खन को पानी से धोएं ताकि उसमें से बचा हुआ दूध अलग हो जाए। इसे 2-3 बार पानी से धोएं ताकि मक्खन बिल्कुल साफ हो जाए।
4. मिश्री मिलाना: मक्खन को साफ करने के बाद उसमें कुटी हुई मिश्री मिलाएं। मिश्री मिलाने के बाद मक्खन को हल्के हाथों से मिलाएं ताकि मिश्री पूरी तरह से उसमें घुल जाए।
5. भोग के लिए तैयार: अब माखन मिश्री का प्रसाद तैयार है। इसे भगवान श्रीकृष्ण को भोग के रूप में अर्पित करें।
– दूध का शुद्ध और ताजा होना आवश्यक है। गाय का दूध सर्वोत्तम माना जाता है।
– मक्खन को निकालते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
– मिश्री का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करें कि वह कुटी हुई हो और उसमें कोई अशुद्धता न हो।
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