नई दिल्ली: देशभर में आज महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। यह पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है। शिव भक्त इस अवसर पर व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रोच्चारण, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है।
परिघ योग: 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से
शिव योग: 27 फरवरी को तड़के 2 बजकर 58 मिनट पर
श्रवण नक्षत्र: 26 फरवरी को शाम 05:23 बजे तक
धनिष्ठा नक्षत्र: 26 फरवरी को शाम 05:23 बजे से प्रारंभ
भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात्रि में चार बार शिवलिंग का विशेष अभिषेक करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का ध्यान करें। इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक करें और इसे दूध, दही, शुद्ध घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। भगवान शिव को तीन पत्तों वाला बिल्वपत्र चढ़ाएं। दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इसके बाद रुद्राभिषेक और हवन का आयोजन करें। आज के दिन शिव पुराण की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें।
महाशिवरात्रि को शिव-पार्वती विवाह दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आत्मसंयम, भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर देशभर के शिव मंदिरों में भव्य आयोजन किए जा रहे हैं। काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर, सोमनाथ और केदारनाथ धाम में लाखों भक्त भगवान शिव के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। भगवान शिव को सफेद वस्त्र, भांग, धतूरा, और बेलपत्र अर्पित करें। शिव पुराण का पाठ करें और रात्रि जागरण करें। गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन कराएं।
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