नई दिल्ली: सावन का महीना हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष समझा जाता है। इन दिनों भक्त अपने घरों में विशेष पूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान […]
नई दिल्ली: सावन का महीना हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष समझा जाता है। इन दिनों भक्त अपने घरों में विशेष पूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करता है। सावन के महीना शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
1. सर्वप्रथम, पूजा स्थान को स्वच्छ करें: पूजा से पहले, अपने पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें। सफाई से ऊर्जा का प्रवाह अच्छा रहता है और पूजा का वातावरण पवित्र होता है।
2. शिवलिंग की स्थापना: पूजा स्थल पर एक शुद्ध शिवलिंग स्थापित करें। यह शिवलिंग प्राकृतिक या यथासंभव शुद्ध होना चाहिए।
3. अर्घ्य अर्पण: शिवलिंग पर पहले गंगाजल या शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद, दूध, दही, घी, शहद, और चीनी का मिश्रण डालें। यह रुद्राभिषेक का मुख्य हिस्सा होता है, जो भगवान शिव को विशेष प्रिय है।
4. शिवलिंग को स्नान कराना: विभिन्न पदार्थों से स्नान कराते समय, हर पदार्थ को एक एक कर शिवलिंग पर अर्पित करें और साथ में ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें।
5. सफेद वस्त्र और पुष्प: रुद्राभिषेक के बाद, शिवलिंग को सफेद वस्त्र पहनाएं और फूल अर्पित करें। इससे पूजा का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
1. ॐ नमः शिवाय
2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
3. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
4. ऊं पषुप्ताय नमः
घर पर किया गया रुद्राभिषेक भी उतना ही फलदायी होता है जितना मंदिर में। श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया पूजन सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। सावन के महीने में रुद्राभिषेक और मंत्र जाप से केवल धार्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक बदलाव भी अनुभव किया जा सकता है। इस दिन को सही विधि और श्रद्धा से मनाना शुभ होता है और यह भक्तों को एक नई ऊर्जा और संतुलन प्रदान करता है।
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