नई दिल्ली: पुत्रदा एकादशी का पावन पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति और संतान सुख की कामना के लिए रखा जाता है। 2024 में पुत्रदा एकादशी का पर्व 16 अगस्त को मनाई जाएगी। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इसे विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपतियों के लिए अत्यधिक फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है।
पुत्रदा एकादशी का महत्व केवल संतान सुख प्राप्ति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह व्रत व्यक्ति को पापों से मुक्त करता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। यह व्रत उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है जो संतान की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।
1. व्रत का पालन: पुत्रदा एकादशी के दिन उपवास करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यदि संभव हो तो निराहार रहें, अन्यथा केवल फलाहार करें। उपवास के दौरान भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनके विभिन्न नामों का जाप करें।
2. भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं, फूल अर्पित करें और उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और श्री हरि का ध्यान करें।
3. भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करें: भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है। इस दिन उनकी पूजा में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान तुलसी पत्र अर्पित करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
4. दान-पुण्य करें: पुत्रदा एकादशी के दिन दान-पुण्य करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें। किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें यथाशक्ति दक्षिणा दें।
5. संतान सुख के लिए विशेष उपाय: जिन दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है, वे इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजन करें। भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष सफेद वस्त्र में सजीव मूर्ति या फोटो रखकर विधि-विधान से पूजा करें और संतान प्राप्ति की कामना करें।
1. इस दिन लहसुन, प्याज, तामसिक भोजन और मांस का सेवन बिल्कुल न करें।
2. किसी भी प्रकार की कलह-क्लेश और असत्य वचन से बचें।
3. व्रत के दौरान मन में पवित्रता बनाए रखें और बुरे विचारों से दूर रहें।
पुत्रदा एकादशी व्रत केवल संतान सुख के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति, कर्ज से मुक्ति, और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्रती को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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