नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी 2024 में 6 या 7 सितंबर को मनाई जाएगी, लेकिन यह मुख्य रूप से तिथि पर निर्भर करेगा। भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन के लिए लोग बप्पा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। हिन्दु पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल […]
नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी 2024 में 6 या 7 सितंबर को मनाई जाएगी, लेकिन यह मुख्य रूप से तिथि पर निर्भर करेगा। भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन के लिए लोग बप्पा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। हिन्दु पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से ही महा गणेश उत्सव की शुरूआत मानी जाती है। इसके बाद कुल 10 दिनों तक बप्पा को घर में रखकर इस महापर्व को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे करें भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा।
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू होगा।
चतुर्थी तिथि का समापन: 7 सितंबर 2024 को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। इससे पता चलता है कि उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी शनिवार के दिन मनाई जाने वाली है।
गणेश स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त: 6 सितंबर 2024 को प्रातः 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक।
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। गणपति, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माना जाता है, उनकी पूजा से सभी कार्यों में सफलता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त गणेश जी की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। इस पर्व का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है, जो भक्तों को एकजुट करता है और उन्हें धर्म और आध्यात्मिकता के मार्ग पर प्रेरित करता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश की विशेष कृपा होती है।
1. कलश स्थापना: सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और पूजा के स्थान पर एक स्वच्छ आसन बिछाएं। वहां एक कलश स्थापित करें और उसमें जल भरकर आम के पत्ते रखें। कलश के ऊपर नारियल रखें।
2. भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना: अब भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति को साफ करके एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। ध्यान रहे कि मूर्ति को उत्तर या पूर्व दिशा में स्थापित करें।
3. पंचोपचार पूजा: पंचोपचार पूजा में भगवान गणेश को धूप, दीप, पुष्प, मिठाई और चंदनअर्पित करें।
4. मंत्र जाप: “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और गणेश जी से सभी परेशानियों के नाश की प्रार्थना करें।
5. मोदक का भोग: भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं, जो उन्हें अत्यंत प्रिय है।
6. आरती: गणेश जी की आरती करें और पूरे परिवार के साथ प्रसाद बांटें।
7. व्रत: जो लोग व्रत रख रहे हैं, वे दिनभर गणेश जी का ध्यान करते रहें और शाम को फलाहार करें।
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