देश में मच रही गणेश चतुर्थी की धूम, जोर-शोर से हो रहा बप्पा का स्वागत, जानिए गणेश चतुर्थी को पूजा विधि

नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 7 सितंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता के रूप में पूजा जाता है, और उनके आगमन से घरों और मंदिरों में सकारात्मकता और खुशहाली का माहौल बन जाता है। इस मौके पर लोग बप्पा का स्वागत जोर-शोर से करते हैं और घरों, पंडालों में मूर्ति की स्थापना कर उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा विधि और इस पर्व से जुड़ी खास बातें।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा से जीवन के सभी विघ्न और बाधाओं का नाश होता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन को विशेष रूप से गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है, और भक्तजन अपने घरों में उनकी मूर्ति की स्थापना कर, विशेष पूजन, आरती और भजन-कीर्तन के माध्यम से उनकी अराधना करते हैं।

गणेश चतुर्थी की धूम

गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूरे देश में भव्य सजावट और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। खासकर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में इस पर्व की अलग ही धूम होती है। बड़े-बड़े पंडालों में विशाल गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है, जहां लाखों लोग दर्शन करने आते हैं। लालबागचा राजा और सिद्धिविनायक जैसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। गणेश चतुर्थी का पर्व श्रद्धा, विश्वास और उत्साह का प्रतीक है। भगवान गणेश की पूजा करके भक्तजन अपनी सभी परेशानियों और कठिनाइयों का समाधान पाते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति करते हैं।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के लिए सबसे पहले गणेश जी की प्रतिमा या फोटो को लकड़ी के पट्टे पर स्थापित करें। इसके बाद उन्हें लाल या पीले वस्त्र से सजाएं। गणेश जी को पुष्पमाला, दूर्वा, और मोदक अर्पित करें, जो उन्हें बहुत प्रिय हैं। गणेश जी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और धूप, चंदन, अक्षत (चावल), फूल, फल, और भोग अर्पित करें। गणेश जी के मंत्र “ॐ गं गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें और उनकी आरती करें।

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