रक्षा बंधन पर इस मुहूर्त में न बांधे राखी नहीं तो जाएगा विनाश, कभी नहीं मिलेगी सफलता

नई दिल्ली: सावन का महीना इस बार विशेष संयोगों के साथ समाप्त हो रहा है। ज्योतिष पद्म भूषण स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित गणेश शर्मा के अनुसार, सावन में पड़ने वाले सोमवार का खास महत्व होता है, लेकिन इस बार सावन का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है, जो रक्षाबंधन के दिन भी है। इस दिन चार अद्भुत संयोग बन रहे हैं: सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रवण नक्षत्र। ये सभी योग बेहद शुभ माने जाते हैं और यह असामान्य संयोग पूरे 90 साल बाद बन रहा है, जो कई राशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

चार अद्भुत महासंयोग

डॉ. शर्मा के अनुसार, इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हुई थी और इसका समापन भी सोमवार को ही हो रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। 19 अगस्त को सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन चार अद्भुत योगों का महासंयोग बन रहा है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करेगा।

सफलता प्राप्त होगी

वैदिक पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन सुबह से रात 8:40 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग रहेगा। इन योगों में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती हैं। पंडित शर्मा के अनुसार, इस समय में रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों पर आने वाली सभी समस्याएं दूर होंगी और उन्हें आरोग्य का वरदान भी मिलेगा। हालांकि, भद्रा के कारण दोपहर 1:32 बजे से पहले राखी नहीं बांधी जा सकेगी।

भद्रा काल

भद्रा काल की बात करें तो, यह 18 अगस्त की रात 2:21 बजे से शुरू होकर 19 अगस्त को दोपहर 1:32 बजे तक रहेगा। यह भद्रा पाताल लोक का है, जिसे अशुभ माना जाता है। इसलिए, 19 अगस्त को दोपहर 1:33 बजे के बाद ही रक्षासूत्र बांधने का शुभ समय है। इस समय में राखी बांधने से भाइयों को दीर्घायु, ऐश्वर्य और गौरव का वरदान मिलेगा।

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