September 8, 2024
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Devshayani Ekadashi 2024: आज देवशयनी एकादशी पर बन रहें ये खास संयोग, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

  • WRITTEN BY: Shweta Rajput
  • LAST UPDATED : July 17, 2024, 5:08 pm IST

नई दिल्ली: देवशयनी एकादशी, जिसे हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के योग निद्रा (योगिक स्लीप) में जाने के कारण विशेष महत्व रखता है। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की अवधि शुरू होती है, जो चार महीने तक चलती है और देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) के साथ समाप्त होती है।

देवशयनी एकादशी का महत्व

देवशयनी एकादशी 17 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है। यह एकादशी हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष कीको मनाई जाती है। देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसे ‘पद्मा एकादशी’ भी कहा जाता है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार महीने के लिए शयन करते हैं, जिसे ‘चतुर्मास’ कहा जाता है। यह अवधि देवउठनी एकादशी तक चलती है, जो कार्तिक मास में आती है। ज्योतिषियों की माने तो इस खास आज शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक शुभ योग है। इसके बाद से ही शुक्ल योग का निर्माण होने वाला है और यह रात्रि तक रहने वाला है। 8 जुलाई को सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर इस योग का समापन होगा।

अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग

जानकारी के मुताबिक ज्योतिषियों के अनुसार 17 जुलाई यानी आज अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी देवशयनी एकादशी पर हो रहा है। सुबह 05 बजकर 34 मिनट से इन दोनों योग का निर्माण शुरू हो रहा है और समापन 18 जुलाई के दिन देर रात 03 बजकर 13 मिनट पर होगा। इस दौरान यदि लोग भगवान विष्णु की पूजा करेंगे तो उनकी कृपा से सभी भक्तों को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

बन रहा है भद्रावास योग

जानकारी के अनुसार ज्योतिषियों का मानना है कि आज के दिन यानी देवशयनी एकादशी के शुभ अवसर पर भद्रावास योग का निर्माण भी हो रहा है। भद्रावास योग की शुरुआत सुबह 08 बजकर 54 मिनट से हो रही है और इसका समापन संध्याकाल 09 बजकर 02 मिनट तक होने वाला है। इसी बीच भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। पृथ्वी पर मौजूद समस्त जीवों का कल्याण भद्रा के स्वर्ग लोक में रहने के दौरान होता है। इस दिन शिववास योग का निर्माण भद्रावास योग के बाद हो रहा है।

देवशयनी एकादशी पूजा विधि

1. प्रातःकाल स्नान: इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. व्रत का संकल्प: भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष व्रत का संकल्प लें।

3. मंदिर की सफाई: घर के मंदिर की सफाई करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्नान कराएं।

4. पूजा: भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें और फूल, चंदन, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।

5. विष्णु सहस्रनाम का पाठ: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या विष्णु स्तोत्र का उच्चारण करें।

6. रात्रि जागरण: रात को भगवान विष्णु के भजनों और कीर्तन का आयोजन करें और जागरण करें।

7. भोग: इस दिन सात्विक भोजन करें और दूसरों को भी भोजन कराएं।

8. दान: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।

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