Holi 2022 : होली पर अपनों को ऐसे दें बधाई, देखें शानदार मैसेज और कोट्स

Holi 2022  नई दिल्ली, Holi 2022  फाल्गुन मास के त्योहार, होली पर लोग एक दूसरे को अलग अलग तरह से विश करते हैं. बधाई देने के तरीके भी समय के साथ काफी बदल चुके हैं. जहां अब डिजिटल का जमाना है. तो आप कैसे पीछे रह सकते हैं. आज हम आपको कुछ नए तरीके बताएंगे […]

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Holi 2022 : होली पर अपनों को ऐसे दें बधाई, देखें शानदार मैसेज और कोट्स

Riya Kumari

  • March 17, 2022 5:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Holi 2022 

नई दिल्ली, Holi 2022  फाल्गुन मास के त्योहार, होली पर लोग एक दूसरे को अलग अलग तरह से विश करते हैं. बधाई देने के तरीके भी समय के साथ काफी बदल चुके हैं. जहां अब डिजिटल का जमाना है. तो आप कैसे पीछे रह सकते हैं. आज हम आपको कुछ नए तरीके बताएंगे जिनसे आप अपनों को बधाई दे सकते हैं.

ऐसे करें विश

हिन्दू धर्म में तो होली पर्व का बहुत महत्त्व है. जिसे लेकर भारत में कई समय पहले ही होने लगता है. इस दिन लोग एक दूसरे को गुलाल अबीर लगा कर बधाई देते हैं. पर कई बार ऐसा भी होता है कि आपके अपने आपके पास नहीं होते. पर दूरी तो एक मिथ्य है. आप इस दौरान भी मोबाइल से अपनों तक होली की शुभकामनाएं पहुंचा सकते हैं. हम आपको आज कुछ अलग तरीके बताने वाले हैं तो इंतज़ार की बात का है आइये फटाफट इन मैसेज, शायरी, कोट्स के जरिए होली की शुभकामनाएं भेजें.

होली त्योहार है रंग और भंग का

होली त्योहार है रंग और भांग का
त्योहार है हम सब यारों का
त्योहार है घर में आए मेहमानों का
त्योहार है गली में गली वालों का
त्योहार है मोहल्ले में मोहल्ले वालों का
त्योहार है देश में देशवालों का
त्योहार है बुरा ना मानो होली है का

हमेशा मीठी रहे आपकी ये बोली

हमेशा मीठी रहे आपकी ये बोली
खुशियों से भर जाए आपकी सारी झोली,
आप सबको मेरी ओर से हैप्पी होली

लगा के थोड़ा थोड़ा सा रंग

खा लो गुजिया,
पी लो भंग,
लगा लो थोड़ा-थोड़ा सा रंग,
बजाओ ढोलक और मृदंग,
खेलो होली सबके संग
Happy Holi 2022

मुबारक हो आपको रंगों भरी होली

त्योहार न जाने कोई जात न कोई बोली
मुबारक हो आपको रंगों की होली

क्यों मनाई जाती है होली

हिरण्यकश्यप द्वारा प्रहलाद को मारने की कोशिश की. उसने इस प्रयास में अपनी बहन होलिका को बुलाया. लेकिन प्रहलाद के जलके मरने से पहले ही होलिका के रूप में बुराई जल कर ख़त्म हो गयी और अच्छाई के रूप में भक्त प्रहलाद बच गए. उस समय फाल्गुन मास का महीना था. उस दिन से होली को जलाने और भक्त प्रहलाद के बचने की खुशी में अगले दिन रंग गुलाल लगाए जाने की शुरुआत हो गयी. तभी रंगों वाली होली से पहले होलिका की पूजा कर इसे जलाया जाता है.

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