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आज मनाया जा रहा है भाई दूज, जानें पूजा विधि, तिलक का सही समय और महत्व

नई दिल्ली: आज पूरे भारत में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके लंबे और सुखी जीवन की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों […]

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  • November 3, 2024 8:28 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: आज पूरे भारत में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके लंबे और सुखी जीवन की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। दिवाली के बाद आने वाला यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज को “यम द्वितीया” भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने गए थे। बहन ने भाई को स्नेह से तिलक कर भोजन कराया और उसके स्वस्थ व दीर्घायु की कामना की। इस पर यमराज ने अपनी बहन को वरदान दिया कि जो भाई इस दिन तिलक करवाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसी कारण, भाई दूज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे को स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं।

भाई दूज पूजा विधि

1. पूजा की तैयार: सबसे पहले भाई और बहन को साफ कपड़े पहनने चाहिए। पूजा स्थान को अच्छे से सजाकर पवित्र करना चाहिए।

2. तिलक लगाना: भाई को बैठाकर बहनें चंदन और चावल का तिलक उनके माथे पर लगाती हैं। इसे ‘अक्षत तिलक’ कहा जाता है, और यह भाई की रक्षा और दीर्घायु के लिए होता है।

3. आरती और दीपक: तिलक के बाद बहनें भाई की आरती उतारती हैं और दीपक जलाकर उनके चारों ओर घुमाती हैं। यह दीपक प्रतीक होता है भाई की सुरक्षा का।

4. मिठाई का भोग: तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाई जाती है। यह भाई-बहन के मधुर रिश्ते का प्रतीक है।

5. उपहार का आदान-प्रदान: तिलक और पूजा के बाद भाई बहन को उपहार देते हैं, जो उनके स्नेह और कृतज्ञता को दर्शाता है।

तिलक का सही समय

इस वर्ष भाई दूज का तिलक करने का शुभ समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। इसके अतिरिक्त, शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच भी तिलक का समय शुभ माना गया है। इन समयों में भाई दूज की पूजा करने से लाभ मिलता है और भाई की उन्नति और सुरक्षा की कामना पूरी होती है।

भाई दूज के खास मंत्र

गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को,
सुभद्रा पूजा कृष्ण को,
गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।

-इस मंत्र से भाई के लंबे और खुशहाल जीवन की कामना की जाती है।

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