Holi 2023: 6 या 7 कब है होलिका दहन? कंफ्यूज़ होने से पहले पढ़ लें सही तिथि

नई दिल्ली: अगर आप भी होली और होलिका दहन की तिथि को लेकर कंफ्यूज हो रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आइए जानते हैं कब है होलिका दहन और कब खेल सकेंगे होली में रंग. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा काल 6 मार्च को शाम 4.18 मिनट से शुरू होगा. […]

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Holi 2023: 6 या 7 कब है होलिका दहन? कंफ्यूज़ होने से पहले पढ़ लें सही तिथि

Riya Kumari

  • March 6, 2023 8:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: अगर आप भी होली और होलिका दहन की तिथि को लेकर कंफ्यूज हो रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. आइए जानते हैं कब है होलिका दहन और कब खेल सकेंगे होली में रंग.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

भद्रा काल 6 मार्च को शाम 4.18 मिनट से शुरू होगा. शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के साथ भद्रा होने पर पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन किया जा सकता है. भद्रा का पुच्छ काल पूर्णिमा तिथि के साथ 6 और 7 मार्च के मध्य रात 12.40 से 2 बजे तक रहेगा. होलिका दहन इसी बीच किया जा सकता है, हालांकि भद्रा में होलिका पूजन नहीं करने की भी मान्यता है. ऐसे में पूजा के लिए सोमवार यानी आज की शाम 6.24 से 6.48 मिनट तक का शुभ मुहूर्त दिया गया है. ऐसे में होली 8 मार्च और होलिका दहन 7 मार्च को पड़ रही है.

अलग-अलग शहर में क्या है मुहूर्त?

बता दें, अलग-अलग शहरों में होलिका दहन का मुहूर्त भी अलग होने वाला है. आप अपने शहर का मुहूर्त देखने के लिए नीचे दी गई सूची को चेक कर सकते हैं.

उज्जैन – 12.40 AM- 05.56 AM (6-7 मार्च की दरमियानी रात)
वाराणसी – 12.40 AM – 05.56 AM (6-7 मार्च की दरमियानी रात
नई दिल्ली – 06.24 PM- 08.51 PM (7 मार्च 2023)
मुंबई – 06.46 PM – 08.52 PM (7 मार्च 2023)
जयपुर – 06.31 PM – 08.58 PM (7 मार्च 2023)
कोलकाता – 05.42 PM – 06.09 PM (7 मार्च 2023)
रांची – 05.54 PM – 06.09 PM (7 मार्च 2023)
रायपुर – 06.10 PM – 08.36 PM (7 मार्च 2023)
पटना – 05.54 PM – 06.09 PM (7 मार्च 2023)

इन पेड़ों की लकड़ियों का ना करें इस्तेमाल

अगर आप भी होलिका दहन में लकड़ियों को लेकर कंफ्यूज़ हैं तो बता दें, सनातन धर्म में कई पेड़ जैसे बरगद, पीपल, आंवला, अशोक, शमी, नीम, आम, केला और बेल को पूजनीय माना गया है. आप भी इन लकड़ियों का प्रयोग होलिका दहन में नहीं कर सकते हैं. मालूम हो इन सभी लकड़ियों को यज्ञ, अनुष्ठान आदि शुभ कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता है. ऐसे में इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल होलिका दहन के लिए नहीं करना चाहिए. इससे पितृ और कालसर्प दोष लगता है.

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