नई दिल्ली: पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ और तर्पण करते हैं। इस दौरान पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य जैसे विशेष कार्य से किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्माएं धरती […]
नई दिल्ली: पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ और तर्पण करते हैं। इस दौरान पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य जैसे विशेष कार्य से किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्माएं धरती पर आती हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देने के लिए प्रतीक्षा करती हैं। पितरों की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक खास नियम यह है कि पितृ पक्ष में कुछ विशेष स्थानों पर दिया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कौन-सी जगहें हैं, जहां दिया जलाने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं
इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होने वाला है। ऐसे में मुख्य द्वार पर दिया जलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मुख्य द्वार से ही हमारे पितृ घर में प्रवेश करते हैं। इस द्वार पर दिया जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि दिया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
तुलसी का पौधा हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पौधे के पास दिया जलाना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में पवित्रता का वातावरण बनता है। तुलसी के पास दिया जलाने से पितरों की कृपा बनी रहती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
रसोईघर को घर की लक्ष्मी का स्थान माना जाता है। पितृ पक्ष में रसोईघर में दिया जलाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती। यह माना जाता है कि पितर इस समय घर के हर कोने में मौजूद होते हैं, और रसोईघर में जलाया गया दिया उनके लिए विशेष रूप से प्रसन्नता का कारण बनता है। इससे घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है।
पितृ पक्ष में किसी पवित्र वृक्ष, जैसे पीपल या बरगद के नीचे दिया जलाना भी अत्यंत शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्माएं वृक्षों के नीचे भी निवास करती हैं। वृक्ष के नीचे दिया जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में शांति, सुख और समृद्धि का वास होता है।
दिया जलाने की परंपरा को शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह एक प्रतीक है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का संदेश देता है। पितृ पक्ष के दौरान दिया जलाने से यह भी माना जाता है कि पितरों की आत्मा को मार्गदर्शन मिलता है और वे आसानी से मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। इसीलिए पितृ पक्ष के इन दिनों में दिया जलाने की परंपरा को निभाना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।