जय मदान ने फैमिली गुरु में आज ऐसे उपाय बताए हैं जिनकी मदद से आप खुद को धोखा खाने से बचा सकते हैं. उन्होंने आचार्य चाणक्य के ऐसे उपाय बताए हैं जिससे आप धोखा खाने से बचाएंगे.
नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने शनिवार को कहा कि मेरे दर्शक अक्सर मुझसे पूछते हैं कि धोखे से कैसे बचा जाए. क्या आपको भी लाइफ में धोखा मिलता है. तो अब ऐसा नहीं होगा. आज से हजारों साल पहले आचार्य चाणक्य ने कुछ खास बातें बताई थी. जिन्हें अपनाकर आप धोखे से बच सकते हैं.
1.) किसी भी व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए क्योंकि सीधे तने वाले पेड़ ही सबसे पहले काटे जाते हैं इसलिए बहुत ज्यादा ईमानदार लोगों को ही सबसे ज्यादा परेशानी और कष्ट उठाने पड़ते हैं.
2.) किसी भी दुष्ट इंसान की मीठी बातों पर भरोसा कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि वो अपने मूल स्वभाव को कभी नहीं छोड़ सकता, जैसे शेर कभी भी हिंसा नहीं छोड़ सकता.
3.) अगर कोई सांप जहरीला नहीं है, तब भी उसे फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए. उसी तरह से कमजोर व्यक्ति को भी हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए और कभी अपनी हार नहीं माननी चाहिए.
4.) किसी भी कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि वह उस समय वार करता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते.
5.) हर मित्रता के पीछे कुछ न कुछ स्वार्थ जरूर छिपा होता है. दुनिया में ऐसी कोई दोस्ती नहीं जिसके पीछे लोगों के अपने हित न छिपे हों, यह कटु सत्य है.
7.) अपने बच्चे को पहले पांच साल दुलार के साथ पालना चाहिए. अगले पांच साल उसे डांट-फटकार के साथ निगरानी में रखना चाहिए. लेकिन जब बच्चा सोलह साल का हो जाए, तो उसके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए. बड़े बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त होते हैं.
8.) जो बीत गया, सो बीत गया, अपने हाथ से कोई गलत काम हो गया हो तो उसकी फिक्र छोड़ते हुए वर्तमान को सलीके से जीकर भविष्य को संवारना चाहिए. हमें बीते समय के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए विवेकमान और बुद्धिमान केवल वर्तमान में जीते हैं .
9.) जब तक तुम दौड़ने का किसी काम को करने का साहस नही जुटाओगे तब तक तुम्हारे लिए प्रतिस्पर्धा में जीतना या उस काम को कर पाना असंभव बना रहेगा.
10.) काम चाहे छोटा हो या बड़ा हो एक बार हाथ में लेने के बाद उसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए, अपनी लगन और सामर्थ से उस काम को पूरा करना चाहिए, जैसे शेर अपने पकडे हुए शिकार को कभी नहीं छोड़ता!
11.) अगर आप कुछ नया काम करने जा रहे हैं तो इस बात को किसी से भी व्यक्त न होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाएं रखें और इस काम को करने के लिए दृढ़ रहें.
13.) दिल में प्यार रखने वाले लोगों को दुख ही झेलने पड़ते हैं. दिल में प्यार पनपने पर बहुत सुख महसूस होता है, मगर इस सुख के साथ एक डर भी अंदर ही अंदर पनपने लगता है, खोने का डर, अधिकार कम होने का डर वगैरह वगैरह. मगर दिल में प्यार पनपे नहीं, ऐसा तो हो नहीं सकता. तो प्यार पनपे मगर कुछ समझदारी के साथ. संक्षेप में कहें तो प्रीति में चालाकी रखने वाले ही सुखी रहते हैं.
15.) संकट काल के लिए धन बचाएं. परिवार पर संकट आए तो धन कुर्बान कर दें. लेकिन अपनी आत्मा की हिफाजत हमें अपने परिवार और धन को भी दांव पर लगाकर करनी चाहिए.
16.) भाई-बंधुओं की परख संकट के समय और अपनी स्त्री की परख धन के नष्ट हो जाने पर ही होती है. और कष्टों से भी बड़ा कष्ट दूसरो के घर पर रहना है.
17.) किसी भी काम के डर और भय को नजदीक मत आने दो अगर यह नजदीक आये तोह इसपर हमला कर दो यानि भय से भागो मत इसका सामना करो.
18.) जिनके मन में सैदव परोपकार की भावना रहती है लोगों की मुसीबतें जल्द ही खत्म हो जाती हैं और उन्हें हर कदम पर यश की प्राप्ति होती है.
19.) जीवन में कामयाब होने के लिए आचे मित्रों की जरुरत होती है और ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्य्कता होती है असंभव शब्द का इस्तेमाल बुजदिल करते हैं. बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना रास्ता खुद बनाते हैं.
20.) अगर गलतियों से सीखना है तो दूसरों की गलतियों से सीखो, अपने ही ऊपर प्रयोग करके सिखने से आपकी आयु काम पड़ेगी.
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