कई बार सबकुछ होते हुए भी शादीशुदा जिंदगी टूटने के कगार पर पहुंच जाती है. पति-पत्नी चाहते हैं कि वे साथ रहें लेकिन एक बार जब चीजें बिगड़ना शुरू होती हैं तो बिगड़ती ही चली जाती हैं.
कहते हैं ना अगर घर में सही बहु आ जाए तो दो घर संवर जाते हैं. तो आज आपको मायके और ससुराल दोनों को संवारने वाली बहु की बहु की बात करेंगे. वो बहु जो शुभ होगी. वो पत्नी जो हमेशा अच्छी पत्नी साबित होगी
आज साल का पहला संतान स्पेशल कर रही हूं तो क्यों ना आपको पांचो महाउपाय भी बच्चों से जुड़े हुए बताऊं. शो की शुरुआत करने से पहले आपको सबसे पहले आज का पहला महाउपाय बताएंगे, शनि से आपका बच्चा परेशान है ?
अक्सर हमने अपने ही घरों में किसी न किसी के मुंह से यह कहते सुना होगा कि आज मेरा फलां अंग फड़का तो शुभ होगा या फलां अंग फड़का तो अशुभ.
घर में किसी तरह की समस्या हो या लक्ष्मी की कमी हो, ऐसे में महालक्ष्मी का व्रत करना बहुत ही लाभदायक होता है. मां वैभव लक्ष्मी की पूजा-अर्चना हर शुक्रवार को की जाती है और वहीं मां महालक्ष्मी की पूजा साल में एक बार की जाती है.
अक्सर लोग कहते हैं कि किसी के माथे पर नहीं लिखा होता है कि कौन व्यक्ति कैसा है. सामुद्रिक विज्ञान के अनुसार हर व्यक्ति के बारे में माथे पर ही लिखा होता है. यानी माथे पर खींची हुई लकीरों को अगर पढ़ना सीख लें तो किसी भी व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी आपको मिल सकती है कि वह कैसा है.
शनि जब अशुभ फल देने लगता है, तो जातक को घर की परेशानी आती है. शनि अशुभ होने से घर गिरने की स्थिति भी आ सकती है. जातक के शरीर के बाल भी झड़ने लगते हैं, विशेषकर भौंह के बाल झड़ने लगे, तो समझना चाहिए.
यदि आपका शुक्र कमजोर है या खराब असर दे रहा है, तो एक लौटा जल लेकर 2 बड़ी इलायची डालकर पानी के आधा होने तक उबालें. फिर इस पानी को अपने नहाने वाले पानी में मिला कर स्नान करें.
पूर्णिमा के बाद अमावस्या के 15 दिनों तक पितृ-आराधाना की जाती है. श्राद्ध पक्ष में ब्राह्रामण भोजन कराने का विधान है. श्राद्ध तर्पण से पितृ को प्रसन्नता एवं संतुष्टि मिलती है. पितृगण प्रसन्न होकर दीर्घ आयु, संतान सुख, धन-धान्य, विद्या, राजसुख, यश-कीर्ति, पुष्टि, शक्ति, स्वर्ग एवं मोक्ष तक प्रदान करते हैं.
वेदों और उपनिषदों के मुताबिक पीपल के हर कोपल, हर पत्ते और हर टहनी में 64 कोटि देवताओं का वास होता है. पीपल के वृक्ष को न सिर्फ हिंदु धर्म में महत्वपूर्ण बताया गया. बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इस वृक्ष को महत्वपूर्ण कहता है.