मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नवरात्र में की जाती है. कन्याओं को माता का रूप माना जाता है. इसीलिए नौवें दिन कन्याओं को बुलाकर कन्या पूजन किया जाता है. इस दिन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है और उपहार बांटे जाते हैं.
महाष्टमी को महादुर्गाअष्टमी के मां से भी जाना जाता है. महा अष्टमी दुर्गा पूजा के महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. नौ दिनों के इस पर्व में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. महा अष्टमी वाले दिन मां गौरी की पूजा की जाती है.
नवरात्रों के सातवें दिन मां कलरात्रि की पूजा की जाती है. माता के इस सातवें रूप को कालरात्रि कहा जाता है, इस वर्ष 27 सितंबर 2017 के दिन मां कालरात्रि जी की पूजा की जाएगी. मां कालरात्रि अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली होती है इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है.
नवरात्र में सभी कोई न कोई मनोकामना लेकर कलश स्थापना या दु्र्गा पाठ करता है. ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि पूजा कितनी सफल हुई. हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि नवरात्र में माता की आराधना के दौरान किन शुभ संकेतों को देखने से पूजा सफल मानी जाती है.
ज्योतिष शास्त्र में मोर के पंख को पुरे नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना है, और मुख्य तौर पर मोरपंख के कुछ ऐसे रामबाण उपाय बताए गए हैं जिन्हें किसी भी शुभ मुहूर्त में करने मात्र से सभी समस्याओं का तुरंत हल मिल जाता है.
नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है. इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है.
भारत परम्परा और मान्यताओं का देश हैं.यहां वस्तु से ज्यादा आस्था बिकती हैं और उन आस्थाओं का केंद्र होता हैं मंदिर. भारत में छोटे-बड़े मंदिर मिलाकर कुल 600,000 मंदिर हैं. भारत की कई जगहों में ऐसी मान्यता हैं कि यदि किसी स्थान पर मंदिर नहीं हैं तो उस जगह लोग नहीं बसते हैं.
नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती की पूजा की जाती है. इन नौ दिनों में मां भगवती के कई लोकप्रिय भजन और आरती सुनने को मिलते हैं. हिन्दू परंपरा के अनुसार इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है. नवरात्र के पहले दिन मां के जिस रूप की उपासना की जाती है, उसे शैलपुत्री ते नाम से जाना जाता है.
हिन्दुओं की सबसे पवित्र त्योहार शारदीय नवरात्र 2017 कल से यानि 21 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हिन्दू परंपरा के अनुसार इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि 2017 का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है.
श्राद्ध यूं तो पितरों को प्रसन्न करने के लिए किए जाते हैं लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि श्राद्ध पितरों का ऋण चुकाने के लिए भी किए जाते हैं. हिन्दूधर्म के मुताबिक, किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले अभिभावकों और पूर्वजों का आशीर्वाद लेना चाहिए. इसी वजह से ऋषियों ने साल में एक पक्ष को पितृ पक्ष का नाम दिया था.