जय मदान नेआज इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में देवी से छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा विधि बताई है. उन्होंने बताया कि मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं.
इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया कि दो-चार मोरपंखों को – “ ऊं अन्नपूर्णाय नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा ”- मंत्र से अभिमंत्रित कर दें.इसके बाद रसोई में भोजन बनाने वाले स्थान से दूरी पर लगाएं और इन पंखों के नीचे मौली बांध दें.
फैमिली गुरु में जय मदान ने नवरात्र से जुड़े ऐसे उपाय बताए हैं जिनकी मदद से आपके कई बिगड़े काम बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर आपकी शादी में परेशानी आ रही है तो आप 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें. इसमें हल्दी और चावल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दें.
इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया कि नवरात्र में देवी के चौथे रूप मां स्कंदमाता की पूजा किस तरह करनी है. उन्होंने बताया कि मां स्कंदमाता किस भोग से प्रसन्न होती हैं.
अगर आपको समाज में स सम्मान नहीं मिलता तो भगवान राम की आराधना करें. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. गायत्री मंत्र का जाप करें. डेली सूर्य को आर्घ्य दे. तांबा, गेहूं एवं गुंड का दान करें प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें. एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें. ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 का 1 माला जाप करें.
कल यानि बुधवार को नवरात्र का चौथा यानि मां कुष्मंडा का दिन है. इस महामंत्र के बिना कल आपकी पूजा अधूरी है. मंत्र - “ऊँ देवी कूष्माण्डायै नमः”. अब जरा मां कुष्मांडा का बीजमंत्र नोट कर लीजिए- ऐं ह्री देव्यै नम: आपको मां के महामंत्र और बीजमंत्र कम कसे कम एक माला जप करना है.
लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में जाकर खीर व मिश्री का प्रसाद चढ़ाएं और शुक्रवार के दिन 9 साल तक की कन्याओं को उनकी पसंद का भोजन कराएं. हो सके तो उन्हें कुछ गिफ्ट्स भी दें. इससे आपका रुका हुआ प्रमोशन हो जाएगा.
दरवाजे पर सिंदूर लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. जबकि सरसों का तेल शनि का कारक माना जाता है जो बुरी नजरों से रक्षा करता है. इसलिए दरवाजे पर सिंदूर लगाने की परंपरा है. दरवाजे पर सिंदूर और तेल लगाने से घर में निगेटिव एनर्जी का प्रवेश नहीं होता.
नवरात्र के तीसरे दिन आप मां दुर्गा को सफेद फूलों की माला चढ़ाएं क्यों कि सफेद फूल मां चन्द्रघण्टा को बेहद पसन्द हैं. चम्पा का फूल चढ़ाएं और चम्पा के फूल का ईत्र भी चढ़ाएं.
यूं तो मां का हर रुप निराला है, भक्तों का संकट हरने वाला है लेकिन मां चंद्रघंटा का महामंत्र और बीचमंत्र भक्तों को कल जरुर जरुर जपना है. इस पर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई. जबकि नवरात्रि का दूसरा दिन है जब मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.