आज मां दुर्गा के चौथे दिन देवी कुष्माण्डा की पूजा होती है. जब भी मां कुष्माण्डा की पूजा करें उनके माहामंत्र का उच्चारण जरूर करें. नवरात्र के दौरान जब भी पूजा करें मां के महामंत्र और बीजमंत्र कम कम से कम एक माला जप करना चाहिए.
रविवार को नवरात्र का तीसरा दिन है. आम तौर पर तीसरे दिन मां भगवती के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी की पूजा अर्चना होती है लेकिन इस बार की नवरात्र में तृतीया तिथि का क्षय है. जिसकी वजह से तृतीय व चतुर्थी तिथि के देवियों के एक साथ पूजा अर्चना होगी. इसलिए रविवार को चंद्रघंटा देवी और कूष्मांडा देवी दोनों की अराधना होगी.
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण करने वाली होता है. अर्थात ब्रह्मचारिणी मां के नाम का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली.
नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू हो गया है. इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं. सबसे पहला नियम नवरात्र में लहसुन-प्याज खाने से बचें.इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज बिल्कुल न खाएं.
नवरात्र में हम सभी अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं. पूरे नौ दिनों तक कलश की पूजा की जाती है. कलश की स्थापना नवरात्र में सबसे महत्वपूर्ण होती है.
चंद्रग्रहण के दिन अपने मन में खराब विचारों को न पनपने दें. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने आराध्य देव का ध्यान लगायें. गर्भवती महिला को ग्रहण के समय बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसा करने से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
क्या मनोकामना पूरी नहीं हो रही. कुछ चाहते हैं लेकिन पूरा नहीं हो रहा है. तो खास उपाय करने की जरूरत है. मंगलवार को शाम के समय समीप स्थित किसी ऐसे मंदिर जाएं जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो. वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं.
क्या आपको अभी तक संतान का सुख नहीं मिला है. अगर हां तो दुखी होने की जगह कुछ जरूरी उपाय करने होंगे. किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का पूजन करें. इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं. अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव स्त्रोत पढ़ते हुए जलाभिषेक करें.
क्या आपको लगता है कि लक्ष्मी जी आपसे रूठी हुई हैं, क्या आपको लगता है कि आपकी कई कोशिशों के बाद भी लक्ष्मी जी आपके घर नहीं आती हैं.
अगर आपकी कमाई का साधन आपकी दुकान है और वह अच्छे से नहीं चल रही है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ जरूरी उपाय करके आप इस समस्या को हल कर सकते हैं.