इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया कि बजरंगबली हनुमान जी की किस प्रकार की मूर्ती की पूजा करने के आपको कैसा लाभ मिलेगा.
नई दिल्ली. बजरंगबली कभी किसी भक्त का नुकसान नहीं होने देते. हर घाटे को मुनाफे में बदल देते हैं. आज मंगलवार का पावन दिन है तो चलिए आप बजरंगबली से जुड़ी कुछ ऐसी चीजें जान लीजिए जिससे आपकी साहस, बल, पराक्रम और आत्मविश्वास में कमी जैसी परेशानियां दूर होंगी. हनुमान जी की कृपा आप पर बनी रहे इसके लिए बजरंग बली की मूर्ति को लेकर बेहद खास जानकारी जान लीजिए. वैसे तो हनुमान जी के बहुत से रुप हैं लेकिन आपको किस रुप की पूजा कब करनी है आइए जानते हैं.
वीर हनुमान– वीर हनुमान की प्रतिमा की पूजा साहस, बल, पराक्रम, आत्मविश्वास देकर काम की बाधाओं को दूर करती है.
भक्त हनुमान– राम भक्ति में लीन भक्त हनुमान की उपासना जीवन के लक्ष्य को पाने में आ रहीं अड़चनों को दूर करती है. साथ ही भक्ति की तरह वह मकसद पाने के लिए जरूरी एकाग्रता, लगन देने वाली होती है.
दास हनुमान– दास हनुमान की उपासना सेवा और समर्पण के भाव से जोड़ती है. धर्म, कार्य और रिश्तों के लिए समर्पण और सेवा की कामना से दास हनुमान को पूजें.
सूर्यमुखी हनुमान– सूर्यदेव श्री हनुमान के गुरु हैं. सूर्य पूर्व दिशा से उदय होकर पूरी दुनिया में प्रकाश फैलाते हैं. सूर्य और प्रकाश गति और ज्ञान के भी प्रतीक हैं. इस तरह सूर्यमुखी हनुमान की उपासना ज्ञान, विद्या, ख्याति, सफलता और सम्मान की कामना पूरी करती है.
दक्षिणामुखी हनुमान– दक्षिण दिशा काल की दिशा मानी जाती है. वहीं श्री हनुमान रुद्र अवतार माने जाते हैं, जो काल को कंट्रोल करते हैं. इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की साधना काल, डर, संकट और चिंता का नाश करने वाली होती है.
उत्तरामुखी हनुमान– उत्तर दिशा देवताओं की मानी जाती है. यही वजह है कि शुभ और मंगल की कामना उत्तरामुखी हनुमान की उपासना से पूरी होती है.
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