फैमिली गुरु: जानिए सुहागिन स्त्रियां के लिए क्यों अहम सोलह श्रृंगार

फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया है कि एक सुहागन महिला के लिए सोलह श्रृंगार क्यों जरूरी है और इससे जुड़ी हर चीज की अपने आप में क्या महत्ता है.

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फैमिली गुरु: जानिए सुहागिन स्त्रियां के लिए क्यों अहम सोलह श्रृंगार

Aanchal Pandey

  • May 23, 2018 7:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने आज आपको 16 श्रृंगार की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि 16 श्रृंगार के बारे में महिला को पता होना चाहिए. अगर आपको पता होगा तभी तो आप इसे कर पाएंगी और महारानी जैसी खूबसूरत लगेंगी. तो आइए आपको एक एक कर सबकी जानकारी देते हैं.

1) बिन्दी – सुहागिन स्त्रियां कुमकुम या सिन्दुर से अपने माथे पर लाल बिन्दी जरूर लगाती है आज कल तो बिंदी पैकेट में भी आ गई हैं लेकिन कुमकुम वाली बिंदी की बात ही खास है इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

2) -सिन्दुर – सिन्दुर को स्त्रियों का सुहाग की निशानी माना जाता है. विवाह के वक्त  पति अपनी पत्नि की मांग में सिंन्दुर भर कर जीवन भर उसका साथ निभाने का वचन देता है .

3) काजल – काजल आँखों का श्रृंगार है. इससे आँखों की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, काजल दुल्हन को लोगों की बुरी नजर से भी बचाता है .

4) मेंहन्दी – मेहन्दी के बिना दुल्हन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने हाथों और पैरों में मेहन्दी रचाती है. नई दुल्हन के हाथों में मेहन्दी जितनी अगाढी रचती है, ऐसा माना जाता है कि उसका पति उतना ही ज्यादा प्यार करता है .

5) शादी का जोड़ा – शादी के समय दुल्हन को जरी- जरदौजी जरकन के काम से बना शादी का लाल जोड़ा पहनाया जाता है. भारत में तो लाल रंग के बिना किसी शादी बारे में सोचा भी नहीं जा सकता. तो आखिर दुल्हन शादी के दिन लाल रंग का ही जोड़ा क्यों पहनती है. वैज्ञानिकों की मानें तो लाल रंग में महिलाएं सबसे ज्यादा सुंदर दिखती हैं और पुरूष उनकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं.

6) गजरा-दुल्हन के जूड़े में जब तक सुगंधित फूलों का गजरा न लगा हो तब तक उसका श्रृंगार कुछ फीका सा लगता है. गजरा लगाने से आपके चारो तरफ खूशबू रहती है यानी पॉज़िटिव एनर्जी बनी रहती है और आप जिसे आकर्षित करना चाहती है वो आपको तरफ खींचे चले आते हैं.

7) -मांग टीका – मांग के बीचों बीच पहना जाने वाला सोने का बना मांग टीका सिन्दुर के साथ मिलकर स्त्री की सुन्दरता में चार चांद तो लगाता ही है साथ ही लगा देता है. साथ ही मांग में टीका पहनने से दीमाग सम्बन्धी क्रियाएं नियंत्रित, संतुलित तथा नियमित रहती हैं और दीमाग की हर बीमारी को खत्म करती हैं.

8) नथ – वैसे तो दुल्हन आजकल नथ पहनकर ही शादी के फेरे लेती है लेकिन पुराणों में देवी पार्वती को फेरों के बाद नथ पहनाने के बारे में लिखा गया है. नाक में नथनी पहनने से नासिका सम्बन्धी रोग नहीं होते तथा सर्दी खांसी में राहत मिलती हैं. इसलिए शादीशुदा औरते नाक में लौंग जरुर पहनती हैं.  

9) कान के गहने – कान में जाने वाले गहने कई तरह की सुन्दर डिज़ाइन के बने होते हैं कुछ डिज़ाइन को चेन के सहारे जुड़े में बांधा जाता है. कानों में सोना पहनने से स्त्रियों में पीरियड की प्राब्लम दूर होती है, हिस्टीरिया रोग में लाभ होता हैं तथा आंत उतरने यानी हर्निया का रोग नहीं होता हैं. 

10) मंगलसूत्र – गले में पहना जाने वाला सोने और काले मोतियों से बना मंगलसूत्र पति की तरफ सुहागन स्त्री के कमिटमेंट के तौर पर देखा जाता है. इसके अलावा मंगलसूत्र ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है तनाव और थकान को दूर करने में  भी फायदेमंद है. मंगलसूत्र सोने का बना होता है सोने का शरीर से छूना भी शुभ और हेल्थी होता है. ज्योतिष की दृष्टि से यह धन और सुख बढ़ाने वाला होता है.

11) बाजूबन्द – बाजूबंद हमारी कोहनी और कंधे के बिल्कुल बीचों बीच पहना जाता है , अगर हम इस हिस्से को बांधकर रखते है , यानि की हम बाजूबंद पहन कर रखते है तो यहां कुछ ऐसे एक्यूप्रेशर प्वाइंट  होते है जो हमारी भूख और पेट से संबंधित बीमारियों को नियंत्रण में रखते हैं. अगर आप बाजूबंद पहनते हैं तो जिनको गैस और धूप के कारण  माइग्रेन या सर दर्द जैसी शिकायतें है वो इन बीमारियों से निजात पा सकते है , तनाव से होने वाले सर दर्द में भी यह बाजूबंद पहनना चाहिए , और अगर आप सोना , चांदी और तांबे से बना हुआ त्रिधातु का बाजूबंद पहनते है तो यह आपका लिवर और भूख को ठीक रखता है.

12) चूडिय़ां – हर सुहागन चुड़ियां और कंगन पहनती है. साइंस के मुताबिक चूड़ियों की वजह से कलाई में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे सो होता है. साथ ही चूड़ियां शरीर से निकलने वाली एनर्जी को वापस शरीर के अंदर पहुंचाने का भी काम करती है.

13) अंगूठी – शादी के पहले सगाई की रस्म में लड़का- लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं. ये अंगूठी अनामिका उंगली में पहनी जाती है. शादी की अंगूठी को अनामिका उंगुली में पहने के पीछे का कारणों को खोजा. तो पता चला की उलटे हाथ की चौथी उंगली में एक ऐसी नस होती है जिसका जुड़ाव सीधे दिल से होता है. जिस वजह से शादी की अंगूठी को अनामिका उंगली में ही पहनते हैं.

14) कमरबन्द– हर सुहागन कमरबंद भी पहनती है कुछ औरते कमरबंद को या तो नाभि के 3 उंगली नीचे पहनती है या फिर 3 उंगली उपर.  नाभि हमारे पूरे शरीर का एनर्जी पॉइंट है, किडनी, यूरिन, लीवर, कार्बोहाइड्रेट मैनेजमेंट, यूटरस- यह सब यहीं से नियंत्रित होता है, नाभि हमारी मानसिक शक्ति को भी नियंत्रित रखती है, अगर इन में से आपको कहीं पर भी दिक्कत आ रही है तो कमरबंद पहना चाहिए.

15) बिछुआ– बिछुए औरतो के पैर की सबसे छोटी उंगली को छोड़कर तीनो उंगलियों में पहने जाते हैं पैरों में अंगूठे के बाद जो दूसरी उंगली होती है उसकी ग्रंथी यूटेरस से दिल से होकर गुजरती है. बिछुआ पहनने से यूटेरेस मजबूत होता है.

16) पायल- पायल पहनने से पीठ, एड़ी एवं घुटनो के दर्द में राहत मिलती हैं, हिस्टीरिया के दौरे नहीं पड़ते और सांस की बीमारी की संभावना दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही बल्ड प्युरीफाई होता हैं.

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