नई दिल्ली. पूजा पाठ के समय लोग अकसर गायत्री मंत्र का जप करते हैं. ऐसे में गायत्री मंत्र जपने का सही तरीका भी आपको मालूम होना चाहिए. आपको गायत्री मंत्र जपने समय कुछ सावधानियां बरतनी हैं. वो कौन सी सावधानियां हैं जान लीजिए ताकि अगली बार जब आप गायत्री मंत्र का पाठ करेंगे तो कोई गलती नहीं होगी. गायत्री मंत्र जप करने वाले का खान-पान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए. लेकिन जिन लोगों का सात्विक खान-पान नहीं है, वो भी गायत्री मंत्र जप कर सकते हैं. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के असर से ऐसे लोग जल्द ही गुणवान बन जाते हैं.
-गायत्री मंत्र जप किसी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए.
-गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण पवित्र रखें. किंतु सेहत ठीक न होने या अन्य किसी वजह से स्नान करना संभव न हो तो किसी गीले वस्त्रों से तन पोंछ लें.
-साफ और सूती वस्त्र पहनें.
-कुश या चटाई का आसन बिछाएं.
-तुलसी या चन्दन की माला का उपयोग करें.
-ब्रह्ममूहुर्त में यानी सुबह होने के लगभग 2 घंटे पहले पूर्व दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र जप करें. शाम के समय सूर्यास्त के घंटे भर के अंदर जप पूरे करें. शाम को पश्चिम दिशा में मुख रखें.
-इस मंत्र का मानसिक जप किसी भी समय किया जा सकता है.
-किसी वजह से जप में बाधा आने पर हाथ-पैर धोकर फिर से जप करें. बाकी मंत्र जप की संख्या को थोड़ी-थोड़ी पूरी करें. साथ ही एक से अधिक माला कर जप बाधा दोष को मिटाएं.
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