नई दिल्ली. सावन बस तीन दिन बाद समाप्त होने वाला है. 26 अगस्त को समाप्ति हो जाएगी. इसलिए आज ही आप शिव जी के कुछ और अवतारों के बारे में जान लीजिए. सावन के पावन महीने में शिव अवतारों के बारे में जानने भर से आपके दुख दूर हो सकते हैं.
हनुमान:
भगवान शिव का हनुमान अवतार सभी अवतारों में श्रेष्ठ माना गया है. इस अवतार में भगवान शंकर ने एक वानर का रूप धरा था. वानरराज केसरी की पत्नी अंजनी के के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था. बजरंग बली तेजस्वी और बड़े पराक्रमी हुए. राम जी के सबसे करीबी भक्त बने.
वृषभ अवतार:
इस अवतार में भगवान शंकर ने विष्णु पुत्रों का संहार किया था. ब्रह्माजी ऋषिमुनियों की बात को मानते हुए विष्णु जी के जो पुत्र धरती पर कोहराम मचाए हुए थे. शिव जी ने उनका संहार किया था.
यतिनाथ अवतार:
शिव ने इस अवतार में अतिथि बनकर भील दम्पत्ति की परीक्षा ली थी, जिसके वजह से भील दम्पत्ति को अपने प्राण गवाने पड़े.
कृष्णदर्शन अवतार :
इक्ष्वाकुवंशीय श्राद्धदेव की नवी पीढ़ी में राजा नभग का जन्म हुआ. वो गुरुकुल गए नभग जब बहुत दिनों तक न लौटे तो उनके भाइयों ने राज्य का विभाजन आपस में कर लिया. नभग को जब यह बात पता हुई तो वह अपने पिता के पास गए. पिता ने नभग से कहा कि वो यज्ञ करे और धन प्राप्त करे. उसी समय शिवजी कृष्णदर्शन रूप में प्रकट होकर बोले कि यज्ञ के धन पर तो उनका अधिकार है. विवाद होने पर कृष्णदर्शन रूपधारी शिवजी ने उसे अपने पिता से ही फैसला कराने को कहा. नभग के पूछने पर श्राद्धदेव ने कहा-वो पुरुष शंकर भगवान हैं. यज्ञ की हर चीज उनकी है. पिता की बातों को मानकर नभग ने शिवजी की स्तुति की.
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