अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्रि पड़ते हैं. 10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं और 18 तक चलेंगे. जानिए कैसे नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं और कैसे मां दुर्गा की माता की चौकी लगानी चाहिए. साथ ही जानें क्या है नवरात्रि घट स्थापना शुभ मुहूर्त.
नई दिल्ली. 10 अक्टूबर से पवित्र नवरात्र शुरु हो रहे हैं. अगले दिन मां को कैसे प्रसन्न करना है. तो चलिए सबसे पहले आपकों नवरात्र का शुभ मुहूर्त औऱ घट स्थापना के बारे में बताती हूं. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त बताती हूं. पहले नवरात्र के दिन ही घट स्थापना जिसे कुछ लोग कलश स्थापना भी कहते हैं उसका समय कल 10 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक है.
ऐसे करें घटस्थापना
कलश स्थापना के लिए पूरे 1 घंटे 2 मिनट का समय मिलेगा. इस बीच आपको घट स्थापना कर लेनी है. कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है. हिन्दू धर्म में हर पूजा से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है इसलिए नवरात्र की शुभ पूजा से पहले कलश के रूप में गणेश को स्थापित किया जाता है. भविष्य पुराण के अनुसार कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध कर लेना चाहिए. एक लकड़ी का फट्टा रखकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए.
इस कपड़े पर थोड़ा- थोड़ा चावल रखना चाहिए। चावल रखते हुए सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करना चाहिए. एक मिट्टी के पात्र (छोटा समतल गमला) में जौ बोना चाहिए. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करना चाहिए। कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊं बनाना चाहिए. कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए.
कलश के मुख को ढक्कन से ढंक देना चाहिए। ढक्कन पर चावल भर देना चाहिए. एक नारियल ले उस पर चुनरी लपेटकर रक्षा सूत्र से बांध देना चाहिए. इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आवाहन करना चाहिए. अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करनी चाहिए. कलश पर फूल और मिठाइयां चढ़ाना चाहिए.
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