Family Guru Navratri 2018: नौकरी में तरक्की दिलाएंगी मां सिद्धिदात्री

Family Guru Navratri 2018: इंडिया न्यूज के पॉपुलर शो फैमिली गुरु में मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने उपाय में बताया गया है. कहा जाता है मां सिद्धदात्री प्रसन्न होती नौकरी सफलता मिलेंगी. या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। इस मंत्र के साथ आप मां सिद्धिदात्री की पूजा शुरु करें. आपने सभी नवरात्रों में माता की पूजा जैसे शुरु की है वैसे ही करें.

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Family Guru Navratri 2018: नौकरी में तरक्की दिलाएंगी मां सिद्धिदात्री

Aanchal Pandey

  • October 17, 2018 8:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Family Guru Navratri 2018: इंडिया न्यूज के खास शो फैमिली गुरु में मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने उपाय में बताया गया है. नौकरी लगेगी तो अपने आप जिंदगी में खुशहाली आएगी. कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री प्रसन्न कर नौकरी में सफलता मिल सकती है. या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। इस मंत्र के साथ आप मां सिद्धिदात्री की पूजा शुरु करें. आपने सभी नवरात्रों में माता की पूजा जैसे शुरु की है वैसे ही करें. कलश में विराजमान सभी देवी देवताओं को ध्यान कर उन्हे नमस्कार करें ययय मां के सामने दीपक जलाएं. मां को नौ कमल के फूल चढ़ाएं. इसके बाद मां को नौ तरह के प्रसाद का भोग लगाएं. भोग के प्रसाद में तिल जरुर रखें. अब सब सामान रखकर मां के बीज मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” की एक माला जाप करें.

मां दुर्गा के देवी सिद्धिदात्री रुप की पूजा नौंवे दिन की जाती है. यह सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं. मां की कृपा से उनके भक्त कठिन से कठिन काम भी चुटकी में कर डालते हैं. हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है. देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा धारण किए हुई हैं. माता के बाईं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है.

देवी सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है. वो कमल पुष्प पर भी बैठी होती हैं. विधि-विधान से नौंवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं. यह अंतिम देवी हैं. इनकी साधना करने से लौकिक और परलौकिक सभी प्रकार की कामनाएं पूरी हो जाती है. भगवान शिव ने भी सिद्धिदात्री देवी की कृपा से तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं. इस देवी की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए.

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