दरवाजे पर सिंदूर लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. जबकि सरसों का तेल शनि का कारक माना जाता है जो बुरी नजरों से रक्षा करता है. इसलिए दरवाजे पर सिंदूर लगाने की परंपरा है. दरवाजे पर सिंदूर और तेल लगाने से घर में निगेटिव एनर्जी का प्रवेश नहीं होता.
नई दिल्ली. कल यानि मंगलवार को नवरात्र का तीसरा दिन है. ऐसे में इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया कि नवरात्र के तीसरे दिन आपको मां चन्द्रघण्टा की पूजा के दौरान विवाहित स्त्रियों का सिंदूर लगाना क्यों जरूरी है. उन्होंने बताया है कि कल मां चंद्रघटा को प्रसन्न करने के लिए जो पूजा करेंगी तो उसमें सभी विवाहित स्त्रियों को सिंदूर जरुर लगाना है. तो आप सिंदूर से जुड़े कुछ उपाय जान लीजिए.
दरवाजे पर सिंदूर लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. जबकि सरसों का तेल शनि का कारक माना जाता है जो बुरी नजरों से रक्षा करता है. इसलिए दरवाजे पर सिंदूर लगाने की परंपरा है. दरवाजे पर सिंदूर और तेल लगाने से घर में निगेटिव एनर्जी का प्रवेश नहीं होता. सिंदूर में पारा पाया जाता है जिसकी वजह से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती.
सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है. अगर किसी सुहागिन स्त्री की दरिद्रता दूर करनी है तो उसे सिंदूर से अपनी मांग पूरी भरनी चाहिए. मंगलवार के दिन हुनमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सिंदूर और तेल अर्पित करें. जैसे विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं, ठीक उसी तरह हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं. जो भी भक्त हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.इससे पहले जय मदान ने बताया था कि अगर आप देवी भक्त हैं, तो नवरात्र के समय आप दाढ़ी ना बनवाएं, साथ ही कोशिश करें कि इस दौरान बाल भी ना कटवाएं. इस दौरान जो लोग इन बातों का ध्यान रखते हैं उनपर मां देवी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
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