इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया कि नवरात्र में पूजी जाने वाली कन्याओं की उम्र का बड़ा महत्व होता है. साथ ही उन्होंने बताया कि कितने साल की कन्या का पूजन क्या फल देता है
नई दिल्ली. नवरात्र के पवित्र दिन चल रहे हैं. कल यानि रविवार को अष्टमी और नवमी दोनों पड़ रहे हैं. ऐसे में कल सभी के यहां कन्या बुलाई जाएगी लेकिन आपको शायद पता नही होगा कि कन्या पूजन में कन्याओं की उम्र का बड़ा महत्व होता है. आपको दो साल से दस साल की कन्याओं का ही पूजन करना है. आईये आपको बताती हूं कितने साल की कन्या का पूजन क्या फल देता है.
2 साल की कन्या
• कौमारी कहा जाता है.
• पूजन से दुख और दरिद्रता खत्म हो जाती है.
3 साल की कन्या
• त्रिमूर्ति मानी जाती है.
• पूजन से धन-धान्य का आगमन और संपूर्ण परिवार का कल्याण होता है.
4 साल की कन्या
• कल्याणी नाम से संबोधित की जाती हैं.
• कल्याणी की पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है.
5 साल की कन्या
• रोहिणी कही जाती है.
• रोहिणी के पूजन से व्यक्ति रोग-मुक्त होता है.
6 साल की कन्या
• कालिका कही जाती हैं.
• अर्चना से विद्या और राजयोग की प्राप्ति होती है.
7 साल की कन्या
• चण्डिका का रुप माना जाता है.
• पूजन से ऐश्वर्य मिलता है.
8 साल की कन्या
• शाम्भवी कही जाती हैं.
• पूजा से लोकप्रियता प्राप्त होती है.
9 साल की कन्या
• दुर्गा का रुप मानी जाती हैं.
• अर्चना से शत्रु पर विजय मिलती है और असाध्य कार्य सिद्ध होते हैं.
10 साल की कन्या
• सुभद्रा कही जाती है.
• सुभद्रा के पूजन से मनोरथ पूर्ण होते हैं और सुख मिलता है.
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